कमलनाथ का… भगवा कार्ड

  • उठा चुके हैं कई तरह के धार्मिक कदम
  • गौरव चौहान
कमलनाथ

कांग्रेस व उसके बड़े नेताओं को बहुसंख्यक समाज हिंदू विरोधी के तौर पर देखा जाता है, लेकिन कमलनाथ इस मामले में पहले भी अपवाद थे और अब भी हैं। प्रदेश की सक्रिय राजनीति में आने के बाद से कमलनाथ लगातार पार्टी की इस छवि बदलने के प्रयासों में लगे हुए हैं। यही वजह है कि उन्हें जब भी मौका मिलता है, वे सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ लेते हैं। यही नहीं अब तो वे पूरी तरह से भगवा कार्ड चलते नजर आने शुरु हो गए हैं। यही नहीं उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में पहली बार पार्टी का न केवल धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ गठित किया गया, बल्कि उसकी सक्रियता भी दिखना शुरु हो गई है। इस प्रकोष्ठ द्वारा जबलपुर में मां नर्मदा के तट पर कई बड़े आयोजन किए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत बीते दिन से हो चुकी है। खास बात यह है कि इन आयोजनों का उद्घाटन पूर्व सीएम कमलनाथ ने किया। इसे प्रदेश में कांग्रेस का हिन्दुत्व की तरफ जाने वाला बड़ा कदम माना जा रहा है। इस दौरान कमलनाथ ने न  केवल माँ नर्मदा का पूजन किया बल्कि भगवान शिव का अभिषेक और गो- पूजन भी किया। इसके साथ ही उन्होंने यह इशारा भी कर दिया कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी धर्म के आधार पर भाजपा से चुनावी लड़ाई में दो-दो हाथ करने को तैयार है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जबलपुर के बरगी विधानसभा स्थित नादिया घाट पहुंचे। उन्होंने यहां धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लिया। उन्होंने नादिया घाट में 21 फीट ऊंचे नंदीश्वर शिवलिंग का भूमि पूजन और हवन किया। इसके बाद वे यात्रा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि धर्म का ठेका सिर्फ भाजपा ने नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि मैंने सबसे बड़े हनुमान मंदिर का निर्माण भी कराया है, लेकिन उसका प्रचार नहीं किया। भाजपा सिर्फ धर्म के आधार पर राजनीति करना चाहती है। कमलनाथ ने कहा कि चुनाव के 7 माह पहले भाजपा को महाकौशल याद आ रहा है। यह सब सिर्फ चुनावी नाटक नौटंकी है। कमलनाथ ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिरी 7 महीने में भाजपा जनता को गुमराह कर आखिर क्या करना चाहती है? कांग्रेस ने नया साल नई सरकार के नारे के साथ सियासी साल 2023 का आगाज किया है।
हाल ही में हुआ हनुमान चालीसा  
मध्य प्रदेश कांग्रेस अब सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर जाती नजर आने लगी है। पहले भी कई मौकों पर इसकी झलक देखने को मिल चुकी है। अब महिला कांग्रेस प्रदेश के सभी जिलों में हनुमान चालीसा का पाठ का आयोजन कर चुकी है। यह आयोजन हाल ही में 14 जनवरी मकर संक्रांति पर्व पर प्रदेश के सभी जिलों में दोपहर 3 बजे से किया गया था। मध्य प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी की ओर से हमेशा से आरोप लगते रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यकों की पक्षधर है। जबकि कांग्रेस बार-बार सफाई देती रही है कि वो सभी समाज की पार्टी है। सभी धर्मों का आदर करती है। कई बार सार्वजनिक मंच पर भी इस मामले को लेकर बयानबाजी हुई हैं। खुद को हिंदू विरोधी नहीं होने को लेकर कांग्रेस अब सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर बढ़ रही है। हाल ही दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि वो कभी हिंदू विरोधी नहीं रहे हैं, न कभी हिंदुत्व को नकारा है।
भाजपा हुई हमलावर  
भाजपा के प्रदेश मंत्री व प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि ये पीएम मोदी का ही प्रताप ही है कि तुष्टिकरण की राजनीति में जुटे लोग भी अब हिंदुत्व की बात करने लगे हैं। कांग्रेस के लोग सिर्फ चुनावी हिंदू हैं। वे अवसरवादी है। जब-जब भी हिंदुओं के मुद्दे पर कोई विषय सामने आता है, ये लोग हिंदुओं के मुद्दे पर कुठाराघात करते हैं। उनसे भेदभाव की राजनीति करते है। कांग्रेस की इस नौटंकी को जनता समझ चुकी है।
यह है वजह
कांग्रेस में कमलनाथ को हिंदुत्व के पक्षधर चेहरे के रूप में पहचाना जाता है। इसकी वजह है उनका 15 माह का मुख्यमंत्री तत्व का कार्यकाल और व्यक्तिगत रूप से धार्मिक होना। वे स्वयं भी हनुमान जी के बड़े भक्त हैं। वे अपने गृह जिले में हनुमान जी की बड़ी प्रतिमा की भी स्थापना करा चुके हैं और वहां पर धार्मिक आयोजन भी कराते रहते हैं। यही नहीं उनके द्वारा सरकार बनने के बाद प्रदेश में नई गौशालाएं खोलने के साथ ही राम वन गमन पथ मार्ग पर भी काम शुरू किया गया था। उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पहली बार भगवान गणेश से लेकर देवी जी की प्रतिमा की स्थापना तक की परंपरा शुरू हुई है। यही नहीं वे पीसीसी से लेकर मंडल स्तर तक वाकायदा पार्टी कार्यक्रम के तहत हनुमान चालीसा का पाठ भी आयोजित करा चुके हैं।

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