बिच्छू राउंडअप/जो बाइडन के घर से मिले गोपनीय दस्तावेज, अमेरिकी राष्ट्रपति ने जताई हैरानी

जो बाइडन

जो बाइडन के घर से मिले गोपनीय दस्तावेज, अमेरिकी राष्ट्रपति ने जताई हैरानी
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता काराइन जीन-पियरे ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को नहीं पता था कि उनके उपराष्ट्रपति के दिनों के गोपनीय दस्तावेज वाशिंगटन थिंक टैंक या विलमिंगटन में घर में थे। अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड द्वारा वहां पाए गए संवेदनशील सरकारी दस्तावेजों की जांच के लिए एक विशेष वकील नियुक्त किए जाने के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन को नहीं पता था कि उन वर्गीकृत दस्तावेजों में क्या था। राष्ट्रपति के आवासों पर पाए गए वर्गीकृत दस्तावेजों के मुद्दे की जांच के लिए एक विशेष वकील की नियुक्ति की घोषणा की है। एक बयान में, अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि जांच पूर्व कैरियर न्याय विभाग अभियोजक और मैरीलैंड जिले के पूर्व अमेरिकी अटॉर्नी रॉबर्ट हूर द्वारा की जाएगी।

‘जानकारी नहीं’, शिक्षा मंत्री के विवादित बयान पर बोले नीतीश कुमार
एक तरफ बिहार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी विधायक चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए विवादित बयान पर सियासी घमासान तेज हो रहा है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस विवाद से खुद को बचाते हुए दिखाई दिए। समाधान यात्रा के क्रम में दरभंगा पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस के संबंध में दिए गए विवादित बयान के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि हमको पता नहीं है, हम पूछ लेंगे उनसे। इसके अलावा जब उनसे बक्सर विवाद पर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा कि वहां के जिलाधिकारी को कार्रवाई का निर्देश दे दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आरजेडी विधायक चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था।

163 करोड़ के रिकवरी नोटिस पर सिसोदिया बोले- अधिकारियों का दुरुपयोग हो रहा है
राजनीतिक विज्ञापनों की आड़ में दिल्ली सरकार के खाते से 163 करोड़ रुपये के व्यय पर मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सरकारी नोटिस भेजे जाने पर उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने आपत्ति जताई है। उन्होंने प्रेस वार्ता कर एलजी पर शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। सिसोदिया ने कहा कि अधिकारियों का उपयोग जनता के काम कराने में किया जाना चाहिए, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को नोटिस देने में नहीं। भाजपा की सरकारें भी यही कर रही हैं। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

फेक न्यूज फैलाने वाले छह यूट्यूब चैनलों के खिलाफ केंद्र की कड़ी कार्रवाई
केंद्र सरकार ने एक बार फिर फेक न्यूज फैलाने और भ्रामक जानकारी देने वाले यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने इस मामले में गुरुवार को छह यूट्यूब चैनलों को बैन कर दिया। इन चैनलों पर फर्जी खबर चलाई जा रही थी और लोगों को गुमराह किया जा रहा था। ब्लॉक किए गए सभी चैनलों ने चुनावों, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और भारत की संसद में कार्यवाही और भारत सरकार के कामकाज के बारे में गलत खबर और भ्रामक जानकारी फैला रहे थे। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।  पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट ने बताया कि ये चैनल लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कई प्रमुख टीवी चैनलों के एंकरों की तस्वीर, क्लिकबेट और सनसनीखेज थंबनेल का प्रयोग करते थे।

Related Articles