संवाद से जीत की राह निकालने की कवायद

 विधानसभा

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए अब संगठन के साथ ही सरकार भी पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। यही वजह है कि अब इस मोर्चा पर विधायकों को भी जिम्मेदारी दी जा रही है। इसके तहत विधायकों को अब अपने क्षेत्र के उन लोगों से हर दिन बात करनी होगी, जिन्हें सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ मिला है। हर दिन उन्हें ऐसे करीब डेढ़ सौ लोगों से बात करने का टास्क दिया गया है। यह बात अलग है कि यह तो भविष्य में ही पता चल सकेगा कि विधायक इस टास्क पर कितना  खरा उतरते हैं। दरअसल यह टॉस्क ऐेसे समय दिया गया है जब प्रदेश में मुख्यमंत्री द्वारा जनसेवा अभियान चलाया जा चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी के सभी विधायकों को यह टॉस्क देते हुए कहा है कि वे हर दिन डेढ़ सौ ऐसे हितग्राहियों से बात करें जिन्हें केंद्र और राज्य सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा है कि जिन लोगों का फीडबैक निगेटिव है, उनकी नाराजगी की वजह भी पता करने का प्रयास करें और बताएं कि इसके लिए सरकार को क्या सुधार करने की जरूरत है? सितम्बर और अक्टूबर 2022 में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के अंतर्गत फ्लैगशिप योजनाओं के साथ केंद्र व राज्य सरकार के कार्यक्रमों के 83 लाख हितग्राहियों के नामों को चिन्हित करने के बाद अब सरकार का फोकस इस बात पर है कि सभी हितग्राहियों से मंत्रियों और विधायकों का संवाद हो। दरअसल संवाद होने से हितग्राही भवनात्मक रुप से विधायकों , पार्टी व सरकार से भी जुड़ेंगे, जिसका फायदा पार्टी को चुनाव में मिलेगा।
इस तरह के फोन के उपयोग की सलाह
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री ने विधायकों को सलाह दी है कि वे हितग्राहियों से बात करने के लिए या तो लैंडलाइन फोन का या फिर ऐसे मोबाइल का ही उपयोग करें जो इनकमिंग से मुक्त हो। यानी की उस नम्बर से सिर्फ कॉल ही किया जा सके। यह सलाह  इसलिए दी गई है जिससे की हितग्राही एक बार बात करने के बाद पर बार-बार फोन कर परेशान न करने लगे। विधायकों से कहा गया है कि वे इस दौरान  पीएम आवास योजना, गरीब कल्याण योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना, स्वामित्व योजना के अलावा तीर्थ दर्शन , लाड़ली लक्ष्मी , मुख्यमंत्री कन्यादान और संबल जैसी योजनाओं पर जरुर चर्चा कर परेशानियों को जानने का प्रयास करें। इस मामले में मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं।

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