बिच्छू डॉट कॉम। देश की स्टार जिम्नास्ट और खेल रत्न अवार्डी दीपा कर्माकर दो साल के लिए प्रतिबंधित की गई हैं। एंटी डोपिंग नियमों के तहत व्हेयर अबाउट नहीं भरने के कारण उन पर यह प्रतिबंध बीते वर्ष से लगा हुआ है, लेकिन उनके इस प्रतिबंध के बारे में अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक फेडरेशन (एफआईजी), भारतीय जिम्नास्टिक संघ, नाडा और साई ने सभी ने जुबान बंदकर रखी, लेकिन अब दीपा के प्रतिबंधित होने का सच सामने आया है। इस साल मार्च माह में एफआईजी ने अपनी वेबसाइट पर 2016 के रियो ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल कर दुनिया को हैरत में डालने वाली दीपा को सस्पेंडेड (निलंबित) दिखाया था। ऐसा डोप पॉजिटिव होने या फिर व्हेयर अबाउट फेल करने के कारण ही हो सकता है, लेकिन एफआईजी ने इसके कारणों का खुलासा नहीं किया।
सूत्र बताते हैं कि सबसे मुश्किल वॉल्ट प्रोदुनोवा लगाने वाली दीपा रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (आरटीपी) में शामिल थीं। नियमानुसार आरटीपी में शामिल खिलाड़ी को हर चार माह पर अपना व्हेयार अबाउट वल्र्ड एंटी डोपिंग एजेंसी की साइट एडम्स पर भरना होता है। अगर कोई खिलाड़ी चार माह के अंतराल में व्हेयर अबाउट नहीं भरता है। उसका मिस टेस्ट करार दिया जाता है। तीन मिस टेस्ट होने पर खिलाड़ी को एंटी डोपिंग नियमों का आरोपी करार दिया जाता है। सकारात्मक तर्क नहीं देने पर खिलाड़ी पर 12 से 24 माह का प्रतिबंध लगा दिया जाता है। दीपा के साथ भी यही हुआ है। उनके तीन मिस टेस्ट के बाद उन्हें व्हेयर अबाउट फेल्योर का दोषी करार देते हुए दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।
चोट से उबरने के बाद दीपा ने बीते वर्ष इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुए भारतीय टीम के ट्रायल में वापसी की थी। उन्हें दो ट्रायल खेलने थे। एक ट्रायल में वह टॉप पर रहीं, लेकिन हैरानीजनक तरीके से वह दूसरे ट्रायल में नहीं खेलीं। जिसके चलते उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली। उनके ट्रायल छोडने को भी व्हेयर अबाउट फेल होने से जोड़कर देखा जा रहा है।