2 साल से है लाभांश का इंतजार

लाभांश
  • 14 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों की हालत खराब

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र देश का सबसे बड़ा तेंदूपत्ता उत्पादक राज्य है। हर साल यहां के तेंदूपत्ता उत्पादक वनों में घूम-घूमकर तेंदूपत्ता संग्रहित करते हैं। लेकिन ,इसके बाद भी  प्रदेश के 14 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों की आर्थिक हालत खराब है। दरअसल, तेंदूपत्ता संग्राहकों को बीते दो साल से लाभांश नहीं मिला है।  इतना ही नहीं 2020 के 2.34 लाख संग्राहकों को भी लाभांश मिलने का इंतजार है।
बता दें कि तीन नवंबर 2022 को खंडवा जिले के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तेंदूपत्ता लाभांश वितरण समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने साल 2021 के एक लाख 68 हजार 601 तेंदूपत्ता संग्राहकों के बैंक खाते में 41.63 करोड़ रुपए हस्तांरित किए थे।  साल 2022 में करीब 14 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभांश उपलब्ध कराया जाना है। यह राशि करीब 200 करोड़ बताई जा रही है। शिवराज सरकार द्वारा लाभांश की राशि जारी करने की वजह से पेशे से जुड़े कारोबारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। लाखों लोगों को इस बात का इंतजार है कि बीजेपी सरकार लाभांश कब जारी करेगी।
समिति प्रबंधकों मिलेंगे हर माह 13 हजार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समिति प्रबंधकों को 13 हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की है। सीएम ने कहा था कि 2016 में हमारी सरकार ने ही समिति प्रबंधकों को छह हजार रुपए और फिर दस हजार रुपए देने का काम शुरू किया था। अब दस हजार रुपए से बढ़ाकर 13 हजार रुपए किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब तबके की आमदानी में बढ़ोत्तरी होना बेहद जरुरी है।  इससे उनके जीवन का स्तर बेहतर होगा। प्रबंध संचालक, राज्य लघु वनोपज संघ मप्र पुष्कर सिंह का कहना है कि ठेकेदारों द्वारा जब क्रय किए गए तेन्दूपत्ता का सभी चारों किश्तों में भुगतान करेगा तभी समितियों को लाभांश भेजा जाता है। कुछ ठेकेदारों का भुगतान मिलना है। वैसे वर्ष 2021 का लाभांश देना शुरू हो गया है। वर्ष 2020 का बकाया भी वितरण किया जाएगा। वनोपज संघ अब फिर करीब 22 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को पानी की बॉटल, जूते-चप्पल और साड़ी उपलब्ध कराने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए घोषणा की है। इसके पहले वर्ष 2018 में सामग्री उपलब्ध कराई गई थी।
नहीं मिल रहे तेंदूपत्ता के खरीददार
दूसरी तरफ बताया ये भी जा रहा है कि लघु वनोपज के सामने बीते पांच साल से एक परेशानी बनी हुई है। वनोपज संघ को पुराने तेंदूपत्ते के खरीदार नहीं मिल रहे हैं। विभाग द्वारा पत्ता बेचने के लिए बार-बार टेंडर जारी किए जा रहे हैं। फिर भी कोई ठेकेदार इन पत्तों को खरीदने के लिए सामने नहीं आ रहा है।  दरअसल, तेंदूपत्तों के खरीदार नहीं मिलने की वजह से भी तेंदूपत्ता संग्राहकों का लाभांश अटका हुआ है। इस मामले में राज्य लघु वनोपज संघ मप्र के प्रबंधन संचालक पुष्कर सिंह के अनुसार ठेकेदारों जब क्रय किए गए तेंदूपत्ता का सभी चारों किश्तों में भुगतान किया जाता है तभी समितियों को लाभांश भेजा जाता है। हालांकि, कुछ ठेकेदारों का भुगतान रुका है। भोपाल में आयोजित वन मेले के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तेंदूपत्ता संग्रहण महिलाओं के लिए साडिय़ां, पीने के पानी का कंटेनर और जूते वितरण करने की घोषणा कर बड़ी राहत दी है।

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