पेसा एक्ट पर जागरूकता के लिए शिवराज ने खुद संभाला मैदानी मोर्चा

शिवराज सिंह चौहान

– एक्ट के प्रावधानों की दे रहे जानकारी, ग्राम सभा को बनाया गया है सर्वशक्तिमान

भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। आदिवासी समाज की बहुप्रतिक्षित मांग को पूरा करने के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इसकी जानकारी अनुसूचित जाति जनजाति को देने के लिए मैदानी मोर्चा संभाल लिया है। इसकी शुरूआत ऐसे समय की गई है, जब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सबसे बड़े  चेहरे राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश में शुरू हो चुकी है।  खास बात यह है कि जहां राहुल गांधी की यात्रा मालवा निमाड़ अंचल से निकल रही है, तो वहीं शिवराज सिंह चौहान ने भी इसी अंचल से पेसा जागरूकता सम्मेलन की शुरूआत की है। यह सम्मेलन आदिवासी गौरव यात्रा के तहत आयोजित किए जा रहे हैं ।
इस तरह के सम्मेलन प्रदेश के सभी 20 जिलों के 89 जनजातीय बाहुल्य ब्लॉकों में होंगे। दरअसल  प्रदेश में अगले साल विधानसभा होने हैं। इसकी वजह से कांग्रेस और भाजपा के इन आयोजनों को उससे जोड़कर देखा जा रहा है। यह वो अंचल है जहां पर आदिवासी वर्ग का न केवल बड़ा प्रभाव है बल्कि प्रदेश में सरकार बनाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। यही वजह है कि कांग्रेस व भाजपा दोनों ही इस अंचल में बेहद सक्रियता दिखा रहे हैं। जिसकी वजह से यह अंचल इन दिनों पूरी तरह से प्रदेश की राजनीति का केन्द्र बन गया है। बीते रोज खंडवा जिले के पंधाना पहुंचे मुख्यमंत्री ने पेसा एक्ट से होने वाले फायदे के बारे में ग्रामीणों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मप्र ने अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा एक्ट लागू कर जनजातीय भाई-बहनों के सर्वांगीण विकास के लिए नया इतिहास रचा है। पेसा एक्ट में प्रावधान है कि ग्राम विकास की कार्य-योजना ग्राम सभा बनाएगी। ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही ग्राम पंचायत को मिलने वाली राशि खर्च होगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पंधाना-घाटाखेड़ी-कालका मार्ग को अब अमर क्रांतिकारी टंट्या भील मार्ग के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम के लिए गांव से बाहर जाने वाले श्रमिकों को पहले ग्राम सभा को बताना होगा कि वह कहां काम करने जा रहे हैं, उन्हें उस स्थान का पता लिखाना होगा, जिससे कि श्रमिकों के हितों का ध्यान ग्राम सभा रख सकें। पेसा एक्ट के नियम में प्रावधान है कि शासन की योजना के किसी प्रोजेक्ट में किए जाने वाले सर्वे और भू-अर्जन के लिए ग्राम सभा की अनुमति आवश्यक होगी। पेसा एक्ट में आंगनवाड़ी, राशन दुकान, स्कूल, आश्रम, छात्रावास के निरीक्षण और उचित संचालन का इंतजाम करने का अधिकार ग्राम सभा को होगा। इसके लिये वह समिति गठित करेगी।
जमीन का अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा एक्ट के नियमों के अनुसार अब पटवारी और वन विभाग के बीट गार्ड को गांव की जमीन का नक्शा, खसरा, बी-1 नकल वर्ष में एक बार गांव में लाकर ग्राम सभा में दिखाना होगा, जिससे जमीन के रिकार्ड में कोई भी गड़बड़ी न हो सके। यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो ग्राम सभा को रिकार्ड को सुधारने का अधिकार होगा। उन्होंने साफ कहा कि छल-कपट, धोखा और बहला-फुसला कर विवाह करने, धर्मांतरण करने और फिर जनजातीय समाज की जमीन हड़प लेने की कोशिश नहीं होने दी जायेगी। ग्राम सभा को अधिकार होगा कि ऐसे प्रयासों को नाकाम कर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाई करवा सके। हड़पी गई जमीन ग्राम सभा वापस दिलाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा एक्ट में रेत, गिट्टी-पत्थर और गौण खनिज की खदान ठेके पर देना है या नहीं, इसका निर्णय ग्राम सभा करेगी। सरकार ग्राम सभा के कार्यों में सहयोग करेगी। खदान पर पहला अधिकार सोसायटी, फिर गाँव की बहन-बेटी और उसके बाद पुरूष का होगा।
जल व जंगल का अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाब का प्रबंधन ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा। ग्राम सभा तालाब में मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन और सिंचाई संबंधी निर्णय लेगी। सौ एकड़ कृषि क्षेत्र में सिंचाई करने वाले तालाब का प्रबंधन का भी अधिकार ग्राम सभा को होगा। जिसमें  सरकार ग्राम सभा की मंशानुसार सहयोग करेगी। तालाब से जो भी आमदनी होगी, वह ग्राम सभा को मिलेगी। चौहान ने कहा कि गांव की सीमा के जंगल में होने वाली वनोपज का संग्रहण अब राज्य सरकार नहीं करेगी। ग्राम सभा यह कार्य करेगी। पेसा एक्ट के अनुसार अब ग्राम सभा वनोपज के संग्रहण, विक्रय और उनके भाव का निर्धारण करेगी। ग्राम सभा की अनुशंसा पर राज्य सरकार सहयोग करेगी। कलेक्टर, कमिश्नर और वन विभाग के अधिकारी समझ लें कि वनोपज पर अब जनता का अधिकार है। इसी तरह तेंदूपत्ता को तोड़ने और बेचने का अधिकार ग्राम सभा को दिया गया है। तेंदूपत्ता तोड़ने के लिये ग्राम सभा को 15 दिसम्बर तक निर्णय लेना होगा। इस काम में सरकार सहयोग करेगी। तेंदूपत्ता की बिक्री का पैसा अब राज्य सरकार के खजाने में न जाकर, ग्राम सभा को मिलेगा। वन विभाग का अमला ग्राम सभा की अपेक्षा के अनुसार उसे पूरा सहयोग देगा।
ग्राम सभा के सामने रखना होगा मस्टर रोल
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब विकास कार्यों का मस्टर रोल भी ग्राम सभा के सामने रखना अनिवार्य किया  गया है। जिले में सरकार अब गांव की ग्राम सभा की  अनुमति के बाद ही शराब व भांग की दुकान खोल पाएगी। स्कूल, अस्पताल और धर्मशाला के पास स्थित दुकान को यहा से हटाने की अनुशंसा करके ग्राम सभा को अवैध रूप से संचालित शराब विक्रय के कारोबार के विरुद्ध कार्रवाई करवाने का अधिकार रहेगा। उन्होंने बताया कि पेसा एक्ट में प्रावधान है कि ग्राम विकास की कार्य-योजना ग्राम सभा बनाएगी। ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही ग्राम पंचायत को मिलने वाली राशि खर्च होगी। ग्राम सभा विकास कार्यों की गुणवत्ता की निगरानी रखेगी। मस्टर रोल ग्राम सभा के सामने निरीक्षण के लिए रखा जाएगा। श्रमिकों को पूरा पारिश्रमिक समय पर मिले, इसका ध्यान भी ग्राम सभा रखेगी।  गांव में सरकार अब गांव की चौपाल से चलेगी।
शोषण पर लगेगा अंकुश
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में केवल लाइसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे सकेंगे। उन्हें इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी। अधिक ब्याज लेने पर दोषी साहूकार पर कार्रवाई होगी। यदि साहूकार ने नियम विरूद्ध कर्ज दिया, तो राज्य सरकार कर्ज माफ कर देगी। पेसा एक्ट में शोषण को प्रभावी ढंग से रोकने का अधिकार ग्राम सभा को दिया गया है। चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट में ग्राम सभा को अधिकार दिया गया है कि वह गाँव में समरसता और सद्भाव का माहौल मजबूत बनाए। गाँव में शांति एवं विवाद निवारण समिति बनेगी। किसी भी समस्या, छोटे-मोटे झगड़ों का निराकरण समझा-बुझा कर किया जायेगा। अपराध के गंभीर मामलों की रिपोर्ट थाने में होने पर थाना को इसकी खबर ग्राम सभा को देनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा एक्ट में आंगनवाड़ी, राशन दुकान, स्कूल, आश्रम, छात्रावास के निरीक्षण और उचित संचालन का इंतजाम करने का अधिकार ग्राम सभा को होगा। इसके लिये वह समिति गठित करेगी।

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