– 6 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर को लोन वितरित
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश ने एक बार फिर देश में अपना लोहा मनवाया है। इसकी वजह बना है नगरीय विकास एवं आवास विभाग, जिसने पीएम स्व-निधि योजना में बाजी मारते हुए देश में पाया पहला स्थान पाया है। दरअसल, पीएम स्व-निधि योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में अव्वल आया है। इस योजना के तहत 6 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर को कर्ज देकर आर्थिक मदद दी गई, जिससे की वे अपने पैरों पर खड़ा हो सके और आर्थिक रुप से मजबूत हो सकें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के मुताबिक पीएम-स्वनिधि योजना में अभी तक मध्यप्रदेश में 6 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर को ऋण वितरित कर योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में अव्वल रहा है। उन्होंने इस कार्य में लगे अधिकारी और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा है कि आगे भी यह स्थान बरकरार रहना चाहिए। गौरतलब है कि यह योजना 24 मार्च, 2020 को एवं इससे पूर्व शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग कर रहे ऐसे सभी पथ विक्रेताओं के लिए लागू की गई है, जिनके पास शहरी स्थानीय निकायों द्वारा जारी सर्टिफिकेट आॅफ वेंडिंग/पहचान-पत्र है। इस योजना के प्रथम चरण में 5 लाख शहरी पथ विक्रेताओं को 498 करोड़ 77 लाख रुपए का ऋण वितरित कर मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर रहा है। इसी तरह से इस स्वनिधि योजना के द्वितीय चरण में (20 हजार रुपये ऋण राशि) 97 हजार 508 शहरी पथ विक्रताओं को 194 करोड़ 74 लाख रुपए का ऋण वितरित कर देश में दूसरा स्थान मिला है, जबकि तृतीय चरण में 1,726 शहरी पथ विक्रताओं को 8 करोड़ 59 लाख रुपए का व्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया है। साथ ही 2 लाख 26 हजार स्ट्रीट बेंडर्स ने डिजिटली लेन-देन कर 3 करोड़ 15 लाख रुपये का कैशबैक प्राप्त किया है।
क्या है पीएम स्वनिधि
कोविड-19 महामारी के दौरान नगरीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग स्ट्रीट वेंडर्स को 10, 20 एवं 50 हजार रुपए की कार्यशील पंूजी ऋण प्रदान किये जाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्म-निर्भर निधि योजना (पीएम स्वनिधि) जुलाई 2020 से प्रारंभ की गई है। योजना के प्रथम चरण में 10 हजार रुपए का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। इसे समय पर चुका देने पर 20 हजार और फिर 50 हजार रुपए का ऋण दिया जाता है। इस योजना की खासियत यह है कि इसे बेहद सरल बनाया गया है। इसके लिए कोई अमानत नहीं ली जाती है। इस योजना के तहत महज केवल आधार कार्ड या फिर महज पहचान पत्र देना होता है। इसके लिए कोई गारंटर की भी जरुरत नहीं रहती है।