बिजली कंपनी का नियम बना लोगों के गले की फांस

बिजली कंपनी

बिजली बिल की गड़बड़ी सुधरवाना बना मुश्किल

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। विद्युत वितरण विभाग की मनमानी से इन दिनों उपभोक्ता खासे परेशान हैं। एक तो कई-कई महीने तक मीटर रीडिंग नहीं हो रही है। इसके बाद भी अनाप शनाप बिजली बिल भेजे जा रहे हैं।  सुधार के लिए उपभोक्ता बिजली ऑफिस के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। दरअसल, बिजली कंपनी का एक नियम लोगों की गले की फांस बन गया है। बिजली बिलों से जुड़ी शिकायतों का समाधान जूनियर इंजीनियर (जेई), असिस्टेंट इंजीनियर (एई) स्तर पर होता था। जून से आला अफसर नया नियम लाए। यह जुलाई से प्रभावी हुआ। इसमें कहा गया, बिल संबंधी निराकरण अधीक्षण इंजीनियर (एसई) स्तर पर होगा। जेई एई के पास आने वाली शिकायतों के समाधान के लिए एसई से अप्रूवल लेना होगा। यहीं से लोगों का संघर्ष शुरू हो गया। अंचल में ग्रामीणों को बिल सुधार कराने या अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए 50 से 100 किलोमीटर दूर एसई दफ्तर जाना पड़ रहा है। इसके बावजूद उनकी समस्याएं दूर नहीं हो रहीं। आला अफसरों का कहना है, इस फॉमूर्ले से राजस्व बढ़ा है।
सीहोर जिले के नसरुल्लागंज में किराना व्यवसायी अजय कुमार सोनी भी नए नियम के बाद अफसरों के बीच चकरधिन्नी बने हुए हैं। वे बताते हैं, घर का तीन माह का बिल 27 हजार आया। पहले 150-200 यूनिट की दर से 500 से 1000 रुपए आता था। सुधार के लिए महीनों से चक्कर लगाते थक गया, समाधान नहीं हुआ। जेई कहते हैं- नोटशीट बनाकर भेजी है। कंपनी के लोग घर की लाइट काट गए। रीवा जिले के गोबिंदगढ़ के योगेंद्र चौधरी के घरेलू कनेक्शन का जून में 40 हजार रुपए का बिल आया। योगेंद का कहना है, उनका मीटर एक दिन में ही जंप कर 4000 यूनिट चला गया। तब से बिल सुधरवाने कंपनी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। समाधान नहीं हो पा रहा है। अफसर कहते हैं, नोटशीट लिख दी है। अब वहीं से समाधान होगा। योगेंद्र ने बताया, बिल पर हर माह 500 रुपए पेनल्टी भी लगा रहे हैं। सीधी जिले के दादर गांव के किसान आशीष तिवारी ने बताया, बिल सुधरवाने चार माह से दौड़ रहे हैं। अधीक्षण अभियंता का ऑफिस  50 किमी दूर सीधी में है। पहले स्थानीय स्तर पर उन्होंने जेई को शिकायत दी, समाधान नहीं हो रहा। परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की है।  उनका कहना है कि इसके बाद कंपनी के अफसरों ने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। कहते हैं, शिकायत वापस ले लो, समाधान हो जाएगा पर नहीं हुआ। ऊर्जा विभाग का का कहना है कि उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर  सकते हैं। उन्हें ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है। जेई तो पहले की तरह ही बैठते हैं, डीसी स्तर पर शिकायत हो सकती है। पहले पावती नहीं मिलती थी। अब दी जा रही है। 6 माह मैं शिकायतों की संख्या में भी काफी गिरावट आई है। राजस्व में भी बढ़ोतरी हुई है।

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