बदलाव की शुरूआत संभागीय प्रभार के बदलावों से
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक में संगठन में बदलाव के साथ ही पार्टी नेताओं को सत्ता में भागीदारी देने पर सहमति बना ली गई है। माना जा रहा है इसका असर जल्द ही दिखना शुरू हो जाएगा। यह बात अलग है कि संगठन स्तर पर पार्टी ने इसके साथ ही संभागीय प्रभारी प्रदेश महामंत्रियों के प्रभार में बदलाव कर दिया है। इसके साथ ही बैठक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के हिसाब से तैयारियों को लेकर भी मंथन किया गया। इससे माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश में लंबे समय से रिक्त चल रहे तमाम राजनैतिक नियुक्तियों वाले पदों पर कार्यकर्ताओं व नेताओं को जल्द ही नियुक्त कर उन्हें सत्ता में भागीदारी देकर खुश किया जाएगा। यह बात अलग है कि अब पार्टी के तमाम नेताओं की इसमें रुचि बेहद कम हो गई है। इसकी वजह है जब तक वे कामकाज समझ सकेंगे तब तक चुनावी आचार संहिता लग जाएगी और कार्यकर्ताओं के काम नहीं कर पाने की वजह से उन्हें उनकी नाराजगी का शिकार होने का डर रहेगा।
लगभग यही हाल अब मंत्री मंडल विस्तार को लेकर विधायकों में भी है। भाजपा नेताओं की कोर कमेटी की बैठक में जिन मामलों को लेकर मंथन का दौर चला उनमें राहुल गांधी की मप्र में यात्रा भी शामिल है। संभागीय प्रभारी भी बदले गए। बैठक में कहा गया कि वरिष्ठ नेता तालमेल के साथ चुनावी रणनीति पर काम शुरू कर दें। सूत्रों के मुताबिक ग्वालियर अंचल सहित अन्य जगहों के जिलाध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हुई। राहुल गांधी की यात्रा को लेकर यह लाइन तय हुई कि यात्रा को अधिक महत्व न दिया जाए। अति
प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक में संगठन में बदलाव के साथ ही पार्टी नेताओं को सत्ता में भागीदारी देने पर सहमति बना ली गई है। माना जा रहा है इसका असर जल्द ही दिखना शुरू हो जाएगा। यह बात अलग है कि संगठन स्तर पर पार्टी ने इसके साथ ही संभागीय प्रभारी प्रदेश महामंत्रियों के प्रभार में बदलाव कर दिया है। इसके साथ ही बैठक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के हिसाब से तैयारियों को लेकर भी मंथन किया गया। इससे माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश में लंबे समय से रिक्त चल रहे तमाम राजनैतिक नियुक्तियों वाले पदों पर कार्यकर्ताओं व नेताओं को जल्द ही नियुक्त कर उन्हें सत्ता में भागीदारी देकर खुश किया जाएगा। यह बात अलग है कि अब पार्टी के तमाम नेताओं की इसमें रुचि बेहद कम हो गई है। इसकी वजह है जब तक वे कामकाज समझ सकेंगे तब तक चुनावी आचार संहिता लग जाएगी और कार्यकर्ताओं के काम नहीं कर पाने की वजह से उन्हें उनकी नाराजगी का शिकार होने का डर रहेगा।
लगभग यही हाल अब मंत्री मंडल विस्तार को लेकर विधायकों में भी है। भाजपा नेताओं की कोर कमेटी की बैठक में जिन मामलों को लेकर मंथन का दौर चला उनमें राहुल गांधी की मप्र में यात्रा भी शामिल है। संभागीय प्रभारी भी बदले गए। बैठक में कहा गया कि वरिष्ठ नेता तालमेल के साथ चुनावी रणनीति पर काम शुरू कर दें। सूत्रों के मुताबिक ग्वालियर अंचल सहित अन्य जगहों के जिलाध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हुई। राहुल गांधी की यात्रा को लेकर यह लाइन तय हुई कि यात्रा को अधिक महत्व न दिया जाए। अति आवश्यक होने पर ही जरूरी मुद्दों पर ही नेता आक्रामक तरीके से हमला करें। बैठक में जिन अहम मामलों को लेकर चर्चा की गई उसमें कांग्रेस की कमजोर कड़ियांं और अन्य पहलू तलाशना । चुनाव, बूथ नेटवर्किंग, विभिन्न स्तर पर प्रशिक्षण और अभियान, विधानसभा चुनाव के हिसाब से संगठनात्मक बदलाव , संगठनात्मक और अन्य तैनातियां-नियुक्तियां, असंतुष्ट नेताओं को साधना और सत्ता-संगठन में तालमेल बिठाना। बैठक में हारी हुई और कमजोर सीटों पर विचार विमर्श किया गया। बैठक से बाहर निकलते समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 2023 में कमल का फूल फिर प्रदेश में खिलेगा। यह बात अलग है कि वे ग्वालियर जिला अध्यक्ष अभय चौधरी की नियुक्ति को लेकर भी ना खुश दिखाई दिए। भाजपा कार्यालय के बंद कमरे में हुई बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद थे।
प्रभार बदले
संभागीय प्रभारियों के प्रभार बदले गए हैं। प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार जबलपुर, शरदेन्दु तिवारी शहडोल, हरिशंकर खटीक चंबल, प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा उज्जैन संभाग, कांतदेव सिंह भोपाल संभाग के प्रभारी होंगे। इसके अलावा कोर कमेटी की बैठक में एक दर्जन जिला अध्यक्षों के खिलाफ स्थानीय नेताओं में नाराजगी का मुद्दा उठा। जिला अध्यक्षों को बदले जाने पर भी चर्चा हुई। दरअसल कई जिलों में अध्यक्षों व जनप्रतिनधियों के बीच पटरी नहीं बैठ रही है। इसी तरह से कई जिलों में जिलाध्यक्षों की कार्यशैली से पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बनी हुई है। माना जा रहा है कि उनकी जगह जल्द ही नए जिलाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि हाल ही में पार्टी द्वारा कुछ जिलों अध्यक्षों को बदला जा चुका है।
राहुल की यात्रा होगी फ्लाप: विजयवर्गीय
बैठक में शामिल होने आए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी के मध्य प्रदेश में संतो के साथ नर्मदा स्नान पर कहा कि दक्षिण से गोल टोपी पहन कर चले हैं, यहां आकर कुछ ना कुछ नाटक तो करेंगे ही। देश में राहुल गांधी की यात्रा कैसी भी रही हो, पर मध्यप्रदेश में सुपर फ्लाप रहेगी। कमल नाथ के मंदिर-मस्जिद के रोजगार वाले बयान पर विजयवर्गीय ने कहा कि महाकाल लोक जाकर देखें, कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है। कोर कमेटी की बैठक में राहुल गांधी की यात्रा की चर्चा के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय कहा कि राहुल गांधी की यात्रा इतनी महत्वपूर्ण नहीं है कि उसकी कोर कमेटी में चर्चा की जाए।
थामा जाएगा अंसतोष
श्रीमंत के साथ उनके समर्थक विधयकों के आने के बाद हुए उपचुनावों में जिस तरह से मूल रुप से भाजपा के पूर्व मंत्रियों या विधायकों को टिकट से दूर रखा गया उससे करीब दो दर्जन से अधिक इन नेताओं में गहरी नाराजगी बनी हुई है। पार्टी जानती है कि उनकी नाराजगी चुनाव के समय मंहगी पड़ सकती है। इसी तरह से पार्टी के कई विधायकों में मंत्री न बन पाने की वजह से भी नाराजगी है। इनमें वे विधायक शामिल हैं जो श्रीमंत समर्थकों की वजह से बेहद मजबूत दावेदारी के बाद भी मंत्री पद की शपथ नहीं ले सके हैं। यही वजह है कि अब संगठन व सरकार मिलकर ऐसे नेताओं की नाराजगी दूर करने पर फोकस कर रही है। इसी तरह से कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए हाल ही में सरकार द्वारा महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों की भी नियुक्तियां की हैं।
जयस भी रही चर्चा में
कोर ग्रुप की बैठक में आदिवासी क्षेत्रों में सक्रिय सामाजिक और राजनैतिक संगठनों को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में जयस के प्रति आदिवासी युवाओं का बढ़ते आकर्षण पर विचार मंथन किया गया। इसके साथ ही बैठक में आदिवासी क्षेत्रों में लगातार बढ़ते आंदोलन और प्रदर्शनों को लेकर भी चर्चा हुई।