छलका नियाज का दर्द : प्रकृति की गोद भ्रष्ट समाज से दूर शांति का आनंद लेने के लिए पर्याप्त

नियाज खान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अपनी लेखनी और स्पष्टवादिता से बात रखने की वजह से चर्चा में बने रहने वाले आईएएस अफसर नियाज खान अपनी सरकारी स्तर पर उपेक्षा से बेहद नाराज बताए जा रहे हैं। इसकी वजह है उनका वह ट्वीट जो उनके द्वारा दो दिन पहले 15 जिलों में नए कलेक्टर पदस्थ किए जाने के बाद किया गया है। दरअसल आईएएस की पदस्थापना सूची में शामिल आठ ऐसे अफसरों के नाम भी हैं, जिन्हें पहली बार कलेक्टरी मिली है। इसके बाद भी नियाज खान को कलेक्टर बनने का मौका नहीं दिया गया है। माना जा रहा है कि अपनी इस उपेक्षा से नाराज नियाज खान का दर्द बाहर आ गया।
उन्होंने इसके बाद बीते रोज ट्वीट कर भ्रष्ट सोसायटी से दूर जंगल में जाने की इच्छा जताते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर इशारों में बड़ा तंज कसा है। उनके द्वारा किए गए ट्वीट में लिखा गया है कि मुझे मौरो मोरांडी की तरह जीने की तीव्र इच्छा है, जो प्रकृति की गोद में सार्डिनिया द्वीप में तीस साल तक अकेले रहे। खान लिखते हैं कि किताब लिखने के लिए कलम और प्रकृति की गोद भ्रष्ट समाज से दूर शांति का आनंद लेने के लिए पर्याप्त है। नियाज खान 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे।  प्रमोशन होने के बाद वह आईएएस बनने के बाद से ही मंत्रालय में पदस्थ हैं। उनकी पदस्थापना अभी लोक निर्माण विभाग में उपसचिव पद पर है।
संघ प्रमुख से पा चुके हैं तारीफ  
वे ऐसे आईएएस अफसर  हैं, जो अब तक सात उपन्यास लिख चुके हैं। इनमें से कई उपन्यास विभिन्न कारणों से चर्चा में भी रह चुके हैं। हाल ही में उस समय एक बार फिर बेहद चर्चा में आए थे, जब कश्मीर फाइल्स फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री से ट्विटर पर उनके बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। वह इन दिनों अपनी नई किताब को लिख रहे हैं , जिसमें उनके द्वारा ब्राह्मणों को सर्वश्रेष्ठ बताया है। उनके बराबर दुनिया में कोई नहीं है। नियाज खुद को शाकाहारी बताते हैं और सभी धर्मों में आस्था रखते है। खान संघ प्रमुख मोहन मोहन भागवत से हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वजों के एक जैसे होने और भारतीयों का जीन एक होने के बयान पर तारीफ भी पा चुके हैं।  
कौन है मौरो मोरांडी
इटली के मौरो मोरांडी को मॉर्डन राबिन्स क्रूजो कहा जाता है। क्रूजो एक आईलैंड पर फंस गए थे। उन्होंने अकेले जीवन बिताया। इसी तरह इटली के शिक्षक मौरो मोरांडी समाज से दूर सार्डिनिया आइलैंड में अकेले रहने चले गए थे। वह आईलैंड पर 30 साल अकेले रहे। दो किताबें लिख डाली और द्वीप को डेवलप किया। बाद में उन्हें सरकार ने आईलैंड से हटा दिया था।
इन मामलों मे भी रह चुके हैं चर्चा में
उनके एक उपन्यास पर आश्रम वेबसीरीज बनी है, जिसका क्रेडिट न मिलने पर नियाज खान ने आश्रम के निर्माता निर्देशक और कलाकार के खिलाफ न्यायालय में मामला दर्ज कराया है। यही नहीं वे इस्लामिक चरमपंथियों के खिलाफ एक किताब लिख चुके हैं। यह किताब उन्होंने इराक में यजीदियों पर बी रेडी टू डाइ नाम से लिखी है।  इसमें उन्होंने बताया है कि नॉर्थ इराक के यजीदी हिंदुओं का ही रूप है। वे भी हिंदुओं की तरह सूर्य और अग्नि के उपासक हैं।  इस्लामिक चरमपंथियों ने उनका जमकर कत्लेआम किया। वे ऐसे अफसर हैं,  जो हिजाब विवाद में भी कूद पड़े थे।

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