मध्यप्रदेश में अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए संचालित होंगी पीडीएस दुकानें

पीडीएस

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। सहकारिता विभाग द्वारा सरेंडर की गई 3500 राशन की दुकानों का संचालन अब राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम)के जरिए होगा।  जानकारी के अनुसार प्रदेश में सहकारिता विभाग द्वारा प्राथमिक सहकारी समितियों के जरिए संचालित राशन की दुकानों को चलाने के लिए सेल्समेन नहीं मिल रहे है।  छोटी दुकानों पर अलग से सेल्समेन रखे जाने पर उसका खर्च भी नहीं निकल पा रहा है ,इसके चलते विभाग ने साढ़े तीन हजार दुकानें सरेण्डर कर दी है। अब इन दुकानों का संचालन एनआरएलएम के जरिए कराया जाएगा।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में संचालित हजारों राशन दुकाने ऐसीं हैं जिन पर कोई सेल्समेन नहीं है। इसके चलते अन्य दुकानों के सेल्समेन ही इन दुकानों पर भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किया जाने वाला खाद्यान्न वितरण का कार्य कराया जा रहा है। सेल्समेनों की कमी के कारण ग्रामीण अंचलों में रोजाना राशन की दुकाने नहीं खुलती है। इसके चलते आम लोगों को परेशान होना पड़ता है। राशन दुकाने खुलती भी है तो काफी कम समय के लिए खुलती है। क्योंकि एक ही सेल्समेन दो और तीन दुकानों का संचालन कर रहा है।
सहकारिता विभाग ने खड़े किए हाथ
गौरतलब है कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने प्रदेश की सभी राशन दुकानों पर एक सेल्समेन नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। सहकारिता विभाग को भी कहा गया था कि वह हर दुकान के लिए एक सेल्समेन की तैनाती करे। लेकिन हर दुकान पर सेल्समेन की तैनाती से उसके संचालन का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। मुख्यमंत्री सचिवालय और सीएम हेल्पलाइन में भी राशन की दुकाने रोज नहीं खुलने की शिकायत पहुंच रही थी। इनमें से अधिकतर दुकानें सहकारिता विभाग द्वारा संचालित थी। हर राशन दुकान पर राशन वितरण के लिए सेल्समेन तैनाती से सहकारिता विभाग ने हाथ ऊंचे कर लिये। विभाग ने यह कहते हुए ये दुकाने सरेण्डर कर दी कि इन पर अलग से सेल्समेन रखकर दुकानें चलाना मुश्किल है। ऐसी करीब साढ़े तीन हजार दुकाने सरेण्डर की गई है। सहकारिता विभाग द्वारा दुकानें सरेंडर किए जाने से खाद्य विभाग के सामने भी इन दुकानों के संचालन का संकट पैदा हो रहा है।
केन्द्र से इंस्टॉलमेंट मिलने में दिक्कत
केन्द्रीय योजनाओं से मिलने वाले फंड का उपयोग करने के लिए बनाए गए सरकारी विभागों के एसएनए खाते त्रुटिपूर्ण होने के कारण ट्रांजेक्शन असफल हो रहे हैं और केन्द्र सरकार को प्रदेश के सरकारी विभागों को योजनाओं की राशि के इंस्टालमेंट जारी करने में समस्या आ रही है। संचालक बजट ने बैंक खातों के त्रुटिपूर्ण होने पर नाराजगी जताई है। भारत सरकार के निर्देशानुसार केन्द्रांश और राज्यांश की राशि को निर्धारित समयावधि में बजट से आहरण कर एसएनए बैंक खातों में स्थानांतरित करने के निर्देश हैं ।  लेकिन, कई विभागों के अनेक प्रकरणों में शासकीय विभागों द्वारा सीधे आईएफएमआईएस से सीधे खर्च किया गया है और राशि को एसएन बैंक खातों में जमा नहीं किया गया है।  एएएनए बैंक खाते त्रुटिपूर्ण होने से आईएफएमआईएस में ट्रांजेक्शन असफल हुए है और फिर रिफंड बिल के जरिए राशि ट्रांसफर की गई है। इस प्रकार दोनों प्रकरणों में राशि एसएनए रिपोर्ट में दिखाई नहीं देती ,जिससे भारत सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न विभागों को केन्द्र सरकार की मदद से चलने वाली योजनाओं में इंस्टालमेंट जारी करने में दिक्कत आ रही है। इसको देखते हुए वित्त विभाग ने यह निर्णय लिया है कि आईएफएमआईएस अंतर्गत केन्द्रीय योजनाओं में राशि आहरण हेतु एसएनए बैंक खाते का वेलीडेशन लागू किया गया है। अब केन्द्रीय योजनाओं से निकाली गई राशि केवल एसएनए बैंक खाते का वेलीडेशन लागू किया गया है। अब केंद्रीय योजनाओं से निकाली गई राशि केवल एसएनए बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी।

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