- प्रदेश में हैं 502 मतदाता, कल होगा पीसीसी के राजीव गांधी सभागार में मतदान
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मंच सज चुका है…मोहरे बिछाए जा चुके हैं …इस बार का कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अपने आप में एक इतिहास बनने जा रहा है। अध्यक्ष पद के लिए कल होने वाले मतदान में मल्लिकार्जुन खड़गे का मप्र में जलवा दिखना भी तय है। इसकी वजह है प्रदेश के बड़े नेताओं का उन्हें साथ मिलना। यह बात अलग है कि प्रचार के लिए खड़गे के अलवा शशि थरुर भी प्रदेश का दौरा कर चुके हैं, लेकिन थरुर को प्रदेश के बड़े नेताओं का वैसा साथ नहीं मिलता दिखा है, जैसा की खड़गे को मिला है। इन दोनों का भाग्य कल मतपेटी में कैद जरुर हो जाएगा, लेकिन यह तो अभी से तय माना जा रहा है कि मप्र से खड़गे को दो तिहाई से अधिक मत मिलेंगे। इस हिसाब से उनको भारी बढ़त मप्र से मिलना तय है। मप्र के कुल 502 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रदेश में कांग्रेस के 487 चुने हुए प्रतिनिधि हैं। पंद्रह मतदाता विधायक दल की ओर से नामित किए गए हैं। इस तरह से कुल 502 मतदाता होते हैं, जो अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। कुल मतदाताओं में से 501 मत पड़ने के अभी आसार हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव देश से बाहर हैं। ऐसे में उनका मत नहीं पड़ पाएगा। मतदान मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बनाए जाने वाले मतदान केंद्र में होना है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के दो बड़े गुट हैं और दोनों गुटों का समर्थन खड़गे को है, इसलिए उनका पलड़ा अभी से भारी दिख रहा है। चुनाव नहीं लड़ने का फैसला करने के बाद दिग्विजय सिंह ने खड़गे का प्रस्तावक बनने का ऐलान किया था। उसके बाद वे प्रस्तावक बन भी गए हैं। ऐसे में दिग्विजय और उनका पूरा खेमा खड़गे के समर्थन में मतदान करेगा। दिग्विजय के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बाद कमलनाथ ने कहा था कि हमारा समर्थन खडगे को है। नाथ के इस ऐलान के बाद उनके समर्थक नेताओं और विधायकों द्वारा भी खड़गे के पक्ष में मतदान करना तय माना जा रहा है। व्यक्तिगत पसंद वाले कुछ वोट जरुर थरूर के पक्ष में जा सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मतदाताओं की मानसिकता खड़गे के पक्ष में मतदान करने की बनी हुई दिख रही है। इस हिसाब से उनका मप्र से जीतना तय अभी से माना जा रहा है।
मप्र में वोटों के बंटने की संभावना
मप्र में संगठन की कोशिश है कि सभी प्रतिनिधि खड़गे के समर्थन में मतदान करें। लेकिन मप्र में वोटों के बंटने की संभावना बढ़ गई है। नए सियासी समीकरणों के अनुसार, दोनों दावेदारों में से मल्लिकार्जुन खड़गे को 80 फीसदी और शशि थरूर को 20 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं। खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नाम आने पर दिग्विजय सिंह ने अपना पर्चा जमा नहीं किया था, उनके समर्थन में मैदान से हट गए थे। हालांकि दोनों उम्मीदवारों के दौरे के समय कमलनाथ पीसीसी में मौजूद रहे। वहीं, एक दिन पहले शशि थरूर भोपाल आए तो उनके साथ विधायक लक्ष्मण सिंह उनके साथ मंच पर नजर आए। दिग्विजय गुट के अन्य नेताओं में पूर्व विधायक राजकुमार पटेल और पूर्व महापौर विभा पटेल की सक्रियता चर्चा में रही। इन हालातों में वोटों के बंटने की संभावना बढ़ गई है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुई वोटिंग में कांग्रेस के 15 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी थी। इस वजह से वोट विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को नहीं मिले थे। इन विधायकों को पीसीसी ने चिन्हित किया। इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी वोटों के बंटवारे की संभावना बढ़ गई है। पीसीसी इस बात असे चिंतित है कि प्रदेश प्रतिनिधियों के वोट भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में न बंट जाएं। एतिहयाती तौर पर प्रदेश प्रतिनिधियों को भी खड़गे के पक्ष में वोट करने के लिए संपर्क किया जा रहा है।
पता नहीं चलेगा किस राज्य से कितने वोट आए
कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में 5वीं बार पार्टी अध्यक्ष के लिए चुनाव हो रहे हैं। ये मतदान पूरी तरह से गुप्त होगा और यहां तक कि ये भी पता नहीं लग पाएगा कि किस राज्य से किसको कितने वोट मिले। राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया गया है। वोट डालने से पहले किसी को मत पर्ची भी नहीं दिखाई जाएंगी। 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से 3 बजे तक पीसीसी में वोट डाले जाएंगे। दिल्ली से चुनाव कार्य में जुटे अधिकारी मतपर्ची और मतपेटी के साथ भोपाल आएंगे। प्रदेश में 487 डेलीगेट्स हैं जो मतदान में भाग लेंगे। वोट डालने के लिए मतपेटी को सील बंद कर दिल्ली लाया जाएगा। 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। इस दिन सभी राज्यों से आई मतपेटियों के मतों को एक साथ मिला दिया जाएगा। इसके बाद मतगणना होगी ताकि ये भी सामने न आ पाए कि किस राज्य से किसको कितने वोट मिले हैं।
मतपेटी-मतपत्र आज पहुंचेंगे पीसीसी
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मतपेटी और मतपत्र एआईसीसी मुख्यालय
नई दिल्ली से आज शाम प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भोपाल पहुंचेगी। वोटिंग पीसीसी के राजीव गांधी सभागार में सुबह 10 बजे शुरू होगी, जो शाम 4 बजे तक चलेगी। वोटिंग के बाद मतपेटी सील कर रात 8 बजे दिल्ली एआईसीसी मुख्यालय भेज दी जाएगी। 19 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी।
सबसे अधिक प्रतिनिधि यूपी में
राज्यवार बात करें तो सर्वाधिक 1100 से अधिक प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश से हैं। इसलिए यहां का रुझान अध्यक्ष की हार-जीत में अहम भूमिका निभाएगा। इसके बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा का स्थान है। महाराष्ट्र और मुंबई को मिलाकर 800 से ज्यादा, पश्चिम बंगाल से लगभग 740, तमिलनाडु से 700, बिहार से 600 और मध्य प्रदेश से 502 प्रतिनिधि चुनाव में शिरकत करेंगे। राजस्थान में 413, गुजरात में 409 व छत्तीसगढ़ में 307 मतदाता हैं। में मतदान करेंगे। व्यक्तिगत पसंद वाले कुछ वोट थरूर के पक्ष में जा सकते हैं, लेकिन ज्यादातर मतदाताओं की मानसिकता खड़गे के पक्ष में मतदान करने की है।