
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आईएएस और आईपीएस का पद रिक्त होने से पहले ही जहां शासन पदोन्नति के आदेश जारी करने में कोई चूक नहीं करता है, लेकिन अगर यही मामला राज्य सेवा के अफसरों का हो तो शासन चैन की नींद सो जाता है। वजह साफ है कि इन अफसरों के हाथों में ही पूरी कमान होती है, लिहाजा अपने हितों के लिए वे बेहद चौकन्ने रहते हैं। इन्ही अफसरों की लेटलतीफी की वजह से प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के कई अफसरों ने अब तो पदोन्नति की राह देखना ही बंद कर दी है। इसकी वजह है उनमें से कई अफसरों का इसी साल सेवानिवृत्त होना। दरअसल सरकारी सेवा में आने के बाद पदोन्नति किसी भी अधिकारी और कर्मचारी की हसरत होती है, लेकिन डीएसपी स्तर के बहुत सारे अधिकारियों की इस हसरत पर पानी फेरने में शासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
यह स्थिति तब बनी हुई है जबकि, प्रदेश में एएसपी स्तर के 14 पद रिक्त चल रहे हैं। ऐसा नहीं की इस सेवा के अफसरों के साथ यह पहली बार हो रहा है, बल्कि इस तरह की स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, जिसकी वजह से दर्जनों ऐसे अधिकारी भी हैं, जो सरकारी उदासीनता के शिकार होकर बगैर पदोन्नत हुए ही सेवानिवृत्त हो गए।
कई अभी भी सेवानिवृत्त होने की कगार पर खड़े हैं। पदोन्नति के मामले में लगातार की जाने वाली देरी का असर वरिष्ठ डीएसपी के कामकाज पर भी पड़ रहा है। पात्र और पद होने के बाद भी पदोन्नति न मिलने की वजहों से यह अफसर मानसिक रुप से परेशान बताए जा रहे हैं। प्रदेश में डीएसपी स्तर के अफसरों को पदोन्नति देने के लिए चार मई 2022 को डीपीसी की गई थी। इस डीपीसी के जरिए एसपीएस कैडर के 2012 बैच के 17 अफसरों को पदोन्नति दी गई है। इनमें से 11 अफसर सीधी भर्ती के डीएसपी थे और छह अफसर निरीक्षक कैडर से पदोन्नत होकर डीएसपी बने थे। यह डीपीसी एक जनवरी 2021 की स्थिति में की गई थी। एएसपी स्तर के अफसरों के वर्तमान में 14 पद रिक्त हैं। पीएचक्यू और गृह विभाग के आला अफसर चाहते तो 2012 के साथ 2013 बैच के डीएसपी की डीपीसी भी करा सकते थे, क्योंकि इसके लिए तय नियम भी 2013 बैच के अफसरों पर भी लागू होता है। डीएसपी से एएसपी उन अफसरों को बनाया जाता है, जिनका सर्विस रिकार्ड अच्छा हो और उनकी आठ साल की सेवा बतौर डीएसपी पद पर पूरी हो गई हो।
इस हिसाब से 2013 बैच के अफसर भी एएसपी के पद पर पदोन्नति की योग्यता रखते हैं। बावजूद इसके दोनों बैच के अफसरों को पदोन्नति देने के लिए एक साथ डीपीसी कराने से परहेज किया गया। अब 2013 बैच के डीएसपी की डीपीसी एक जनवरी 2022 की स्थिति में होना है। पद भी रिक्त है, लेकिन आठ महीने बीत जाने के बाद भी डीपीसी नहीं की जा रही है। वर्ष 2013 बैच के कई डीएसपी सेवानिवृत्त होने की कगार पर खड़े हैं। वे एएसपी बन पाएंगे, इसको लेकर उनमें असमंजस बना हुआ है। इससे पहले भी दो दर्जन से ज्यादा डीएसपी पदोन्नति की राह देखते-देखते सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यह स्थिति तब है, जब पदोन्नति देने में बहुत ज्यादा वित्तीय बोझ भी राज्य के सरकारी खजाने पर नहीं आना है।
ग्रेडेशन लिस्ट तक नहीं कर रहे जारी
एसपीएस कैडर के अफसरों की ग्रेडेशन लिस्ट (पदक्रम सूची) भी अभी तक जारी नहीं की गई है। एसपीएस अफसरों की ग्रेडेशन लिस्ट सामान्य तौर पर एक अप्रैल की स्थिति में जारी होती है। एसपीएस की ग्रेडेशन लिस्ट एक अप्रैल 2022 की स्थिति में जारी होना थी, लेकिन वह अभी तक अटकी है। यानी पदोन्नति तो दूर की कौड़ी है, आला अफसर ग्रेडेशन लिस्ट तक जारी करने में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं।