ताइवान ने चीन की धमकियों को किया दरकिनार

साई इंग वेन


बिच्छू डॉट कॉम। चीन और ताइवान के बीच तल्खी किसी से नहीं छिपी हुई है। अमेरिकी स्पीकर के दौरे के बाद तो ऐसा लगा था जैसे चीन ताइवान पर हमला बोल देगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दूसरी ताइवान भी चीन की धमकियों से डरने वाला नहीं। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने शुक्रवार को बीजिंग की धमकियों के बावजूद दुनिया के दूसरे देशों के साथ जुड़ने का संकल्प लिया। ताइवानी राष्ट्रपति ने कहा कि ताइवान को दुनिया के साथ जुड़ने से कोई नहीं रोक सकता है। ताइवानी राष्ट्रपति साई ने दो सितंबर को 26वें फोरम 2000 सम्मेलन के समापन पर दिए अपने वीडियो भाषण में कहा, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि न तो धमकी और न ही जबरदस्ती ताइवान को दुनिया के साथ जुड़ने से रोक सकती है।’ राष्ट्रपति ने कहा, ताइवान और उसके लोग क्षेत्रों में लोकतंत्र के साथ सहयोगी बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इसके साथ-साथ साई ने फोरम 2000 फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक जैकब क्लेपाल और संगठन में उनके सहयोगियों को ताइवान के लोकतंत्र के लिए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

वहीं, ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से दुनिया ने एक सबक सीखा है कि एक देश एक सत्तावादी शासन के हमले को तब तक नहीं रोक पाएगा जब उसके पास पर्याप्त सैन्य शक्ति नहीं होगी। ताइवान को चीन की सेना की ओर से बार-बार घुसपैठ का सामना करना पड़ रहा है, खासकर अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने ताइवान के दर्जे को लेकर चीन के साथ तनाव बढ़ने के बीच द्वीपीय देश को एक अरब डॉलर से अधिक के हथियार बेचने की घोषणा की है। विदेश विभाग ने बताया कि 1.09 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री में 35.5 करोड़ डॉलर की हवा से समुद्र में मार करने वाली हारपून मिसाइलें तथा 8.5 करोड़ डॉलर की हवा से हवा में मार करने वाली साइडविंडर मिसाइलें शामिल हैं। बहरहाल, हथियारों का सबसे बड़ा हिस्सा ताइवान के निगरानी रडार कार्यक्रम के लिए 65.5 करोड़ डॉलर का साजोसामान पैकेज है। यह रडार कार्यक्रम हवा में रक्षा की चेतावनियां देता है। हवा में दुश्मन की मिसाइलों की जल्द चेतावनी देना महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि चीन ने ताइवान के पास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं। 

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