आखिर मध्यप्रदेश में कब आएगा गुंडा एक्ट…?

गुंडा एक्ट
  • घोषणा के एक साल बाद भी अधर में गैंगस्टर एक्ट ….

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश में गुंडें और माफिया पर नकेल कसने के लिए सरकार उत्तर प्रदेश की तर्ज पर गैंगस्टर एक्ट लाने की तैयारी में जुटी हुई है। सरकार का मानना है कि यूपी में गुंडा नियंत्रण अधिनियम लागू होने के बाद से अपराधियों पर लगाम लगी है, इस लिए मप्र में भी गैंगस्टर एक्ट लाकर संगठित अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी जिससे प्रदेश में अपराध के ग्राफ को कंट्रोल किया सके। लेकिन सरकार की घोषणा के करीब एक साल बाद भी एक्ट को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।  गौरतलब है कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 10 सितंबर 2021 को गैंगस्टर एक्ट लाने का बयान दिया था। इसके बाद से एक्ट का ड्राफ्ट तैयार होने तक 5- 6 बार बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन उसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। मप्र के गैंगस्टर एक्ट में भी उत्तर प्रदेश के गुंडा नियंत्रण अधिनियम जैसे प्रावधान किए जाने हैं।
इस एक्ट के लागू होने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकार में बढ़ोत्तरी की जाएगी। इस अधिनियम के लागू होने के बाद पुलिस रिमांड और न्यायिक रिमांड में भी बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। वही प्रदेश में मिलावटी शराब, नकली दवा और अवैध रेत खनन सहित अन्य संगठित अपराधों पर त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी। इस अधिनियम के बाद न्यायालय को अपराधियों पर चल रहे अन्य न्यायालयों में प्राथमिकता मिलेगी। वही अब अपराधी न्यायालय से तभी राहत पा सकेगा जब यह साबित कर सके कि वह अपराध का दोषी नहीं है और आगे भी इस तरह के अपराध में संलिप्त नहीं होगा। अपराधियों को न्यायालय से जमानत भी नहीं मिल सकेगी।
मानसून सत्र में भी नहीं आएगा एक्ट
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार एक साल से ये एक्ट लाने की तैयारी कर रही है, लेकिन अफसरों और मंत्रिमंडल में सहमति नहीं बन पाई है। इसलिए प्रदेश में गिरोह बनाकर अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए आने वाला गैंगस्टर एक्ट सितंबर के विधानसभा सत्र में नहीं लाया जाएगा। मंशा ये है कि एक्ट का दुरुपयोग नहीं हो सके और कोई दोषी बच भी नहीं पाए। गृह विभाग ने मध्य प्रदेश गिरोहबंदी और समाज विरोधी कार्यकलाप (निवारण) विधेयक-2021 का ड्राफ्ट बनाया है। ये साफ है कि उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र से एक्ट अलग होगा।
आधा दर्जन बैठकों में भी ड्राफ्ट फाइनल नहीं
बताया जाता है की गैंगस्टर एक्ट का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए अभी तक 5- 6 बार बैठकें हो चुकी हैं। ड्राफ्ट पर विधि विभाग द्वारा कुछ बिंदुओं को लेकर आपत्ति ली गई है, जिसका समाधान होना बाकी है। एक्ट को लेकर सीनियर सचिवों वाली कमेटी की बैठक में ये चर्चा हुई कि इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं हो कि चार लोगों की संलिप्तता को जोड़कर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई कर दी जाए। राजनीतिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए भी पहले से प्रावधान होना चाहिए। इसके अलावा गृह मंत्री, वरिष्ठ मंत्री और अफसरों के बीच चर्चा हुई है। अब यूपी और महाराष्ट्र के कानून के साथ मध्यप्रदेश के ड्राफ्ट पर अहम बैठक होगी।
एक्ट में होंगे कड़ी सजा के प्रावधान
सरकार अवैध खनन, मिलावटी शराब, नकली दवा, मानव तस्करी, ड्रग्स, अवैध हथियार जैसे संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रावधान करेगी। अपराध में एक से ज्यादा या चार से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर अलग तरह के प्रावधान रहेंगे। पुलिस के पास रिमांड के अधिकार बढ़ेंगे। एक्ट में 2 से 10 वर्ष तक की सजा और 25 हजार तक का जुमार्ना होगा। अपराधी के सहयोगी को 3-10 साल की सजा होगी। वहीं गृह मंत्री मिश्रा ने ऑनलाइन गेम पर रोक के लिए सात महीने पहले एक्ट लागू करने का बयान दिया था। ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन एक्ट का ड्राफ्ट बनाकर तैयार है, लेकिन तकनीकी पेचीदगी है। ऑनलाइन गेम्स कंपनी ने गेम ऑफ चांस और गेम आॅफ स्किल का तर्क दिया है। कुछ राज्यों द्वारा बनाए गए एक्ट पर कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके चलते केंद्र सरकार का एक्ट आने तक राज्य ने ड्राफ्ट होल्ड कर लिया है।

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