होटलों की जगह घरों में रुकना… रास आ रहा युवाओं को

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  • प्रदेश में अब बढ़ रहा है ग्रामीण पर्यटन का रुझान

भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना की बह से देश के साथ ही प्रदेश में लगाए गए लॉक डाउन से भले ही पर्यटन उद्योग पूरी तरह से चौपट होने से इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का रोजगार पूरी तरह से समाप्त हो गया था, लेकिन अब एक बार फिर से पर्यटन की तस्वीर तेजी से बदलने लगी है। इस क्षेत्र को उबारने और प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सूबे की शिव सरकार ने कई तरह के फैसले किए हैं। इसकी वजह से प्रदेश की नई पर्यटन नीति अब बेहद कारगर साबित हो रही है। इसकी वजह से अब युवाओं का रुझान भी प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन पर तो बड़ा ही है साथ ही वे अब होटल की जगह होम स्टे को पसंद कर रहे हैं। इसे देखते हुए ही अब सरकार ने तय किया है की वह सैलानियों को होम स्टे देने वाले स्थानीय लोगों को मकान बनाने में मदद देगी। इसके लिए सरकार ने सब्सिडी देने का भी निर्णय कर लिया है।  दरअसल इसके पीछे सरकार की मंशा इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के माध्यम से बेहतर आर्थिक विकल्प उपलब्ध कराना। पर्यटकों को राज्य के व्यंजन, संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और पारंपरिक  शैली से परिचित कराना। स्थानीय रोजगार सृजन के द्वारा प्रदेश से पलायन रोकना। इन गांवों में पर्यटनों को ग्रामीण परिवेश का अनुभव उपलब्ध कराने हेतु आवासीय सुविधा के साथ-साथ विभिन्न पर्यटन गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
पांरपरिक भोजन का बढ़ रहा है ट्रेंड
दरअसल प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना काल के बाद बीते साल से पर्यटन विकास निगम ने सैलानियों को पर्यटन स्थल पर घर जैसा माहौल और सुविधाएं दने के लिए होम स्टे योजना शुरू की थी। इस योजना में एक सैकड़ा से अधिक पर्यटकों द्वारा अपना रजिस्ट्रेशन कराया। योजना के तहत पर्यटन स्थलों पर रहने वाले स्थानीय लोग सैलानियों के साथ निवास साझा करते हैं। इसके बदले में उन्हें तय की गई राशि का भुगतान किया जाता है। इन स्थलों पर पर्यटकों को भोजन के साथ अन्य जरुरी सुविधाएं भी दी जाती हैं। खास बात यह है की कोरोना काल के बाद लोगों मूें पांरपरिक भोजन की तरफ तेजी से रुझान बढ़ रहा है। इसकी शुरूआती सफलता की वजह से सरकार ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने के लिए अब घर बनाने के लिए राशि भी देने का भी प्रावधान किया है।
इस वर्ष 300 होम स्टे शुरू करने का लक्ष्य
पर्यटन विकास निगम के मुताबिक, अभी 110 गांवों में इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इसमें स्थानीय भोजन, डांस, म्यूजिक, एग्रीक्लचर, आर्ट, क्राफ्ट्स के साथ ही लॉकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए जाने पर जोर है। 20 गांवों में विकास का काम पूरा हो चुका है और कुछ में टूरिस्ट ठहरना भी शुरू कर चुके हैं। ग्रामीण पर्यटन के तहत होम स्टे योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के तहत गांवों में ऐसी पारंपरिक हवेलियां, पुराने किले या मकान चुने जाएंगे, जो पर्यटकों के रहने के लिए उपयुक्त हो। इसमें कुछ मकान ऐसे भी होंगे, जहां मकान मालिक स्वयं भी अपने परिवार के साथ रहता हो और एक हिस्से में पर्यटकों को ठहरा सके। इससे गांवों में मकान मालिकों को आय भी होगी और संस्कृति का मिश्रण भी हो सकेगा।
रोजगार और आय का जरिया बनी योजना
ग्रामीण अंचल तक पर्यटकों की पहुंच की कवायद सुनिश्चित करने और संबंधित स्थलों पर बुनियादी व्यवस्था करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्टे, तो नगरीय सीमा में होम स्टे योजना के तहत स्थानीय लोगों को शामिल किया जाता है। नगरीय सीमा से बाहर के आवास फॉर्म स्टे योजना के अंतर्गत आते हैं। पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों के मुताबिक वाइल्ड लाइफ, धार्मिक और ग्रामीण परिवेश को जानने के लिए पर्यटकों का रुझान बढ़ा है। मध्य प्रदेश में बीते एक साल के दौरान 33 होम स्टे बढ़े हैं। वहीं 2020 में इनकी संख्या 71 थी, जो मार्च 2022 तक 160 पहुंच गई।
दो लाख रुपए तक का अनुदान
नए होम स्टे निर्माण कराने पर लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम 2 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। साथ ही होम स्टे का रिनोवेशन कराने के लिए लागत का 40 फीसदी, यानी 1 लाख 20 हजार अनुदान दो किश्तों में मिलेगा। हितग्राही अधिकतम दो कमरों का निर्माण कर सकेगा। होम स्टे के लिए 4 योजनाओं में पंजीयन कराना अनिवार्य है। पहले चरण में 365 कक्षों और दूसरे चरण में 375 कक्ष और भवनों का निर्माण होगा। इसके साथ 130 आवासों का उन्नयन कराया जा सकेगा। इस पर करीब 17 करोड़ की राशि खर्च कर, करीब 20 हजार ग्रामीणों को रोजगार के मौके दिए जाएंगे।
यहां पर होम स्टे हो रहे लोकप्रिय  
फिलहाल होम स्टे प्रमुख पर्यटन केंद्रों से सटे हैं। ओरछा, बांधवगढ़, कान्हा टाइगर रिजर्व, खजुराहो के साथ-साथ जहां पर सैलानी ज्यादा आ रहे हैं। वहां पर होम स्टे के साथ-साथ फार्म स्टे को लेकर लोगों ने उत्सुकता दिखाई है। जिसके चलते उनकी आमदनी भी बढ़ी है।
क्या कहती हैं पर्यटन मंत्री: पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि, ‘एमपी सरकार ने स्थानीय एवं विदेशी पर्यटकों को नया अनुभव देने की कोशिश की है। होम स्टे से देशी-विदेशी पर्यटकों को भारतीय संस्कृति, खानपान, वेशभूषा, संगीत और आतिथ्य का अनुभव मिलेगा। परियोजना अंतर्गत प्रथण चरण में पर्यटन स्थलों के निकट स्थित 100 गांवों में कार्य किया जा रहा है। इन गांवों में पर्यटनों को ग्रामीण परिवेश का अनुभव उपलब्ध कराने हेतु आवासीय सुविधा के साथ-साथ विभिन्न पर्यटन गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इसके तहत 1000 परिवारों के माध्यम से पर्यटकों को आवासीय सुविधा प्रदान करने हेतु होमस्टे कक्षों का नवीन निर्माण/उन्नयन किया जाएगा।

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