सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने का रास्ता साफ

इंटरनेशनल एयरपोर्ट
  • मिली तकनीकी स्वीकृति, जनवरी में हो सकता है शिलान्यास

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जल्द ही प्रदेश को देश के सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यह एयरपोर्ट देवास जिले के ग्राम चापड़ा के पास बनाया जाएगा। खास बात यह है की इसके लिए जरुरी कार्रवाई तेजी से पूरी करने की कवायद शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है की इसका शिलान्यास जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा सकता है। दरअसल हाल ही में एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने निर्माण की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके बाद उद्योग विभाग ने इसके प्रस्ताव को मुख्य सचिव कार्यालय भेज दिया है। इस एयरपोर्ट का निर्माण पीपी मोड पर किया जाना प्रस्तावित है। जिसकी लागत करीब 60 हजार करोड़ रुपए के आसपास बताई जा रही है। खास बात यह है की इस एयरपोर्ट के शुरू होने से करीब पांच लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खुल जाएंगे। दरअसल इस ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इंदौर विमानतल के विकल्प के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस एयरपोर्ट  के प्रस्ताव को अब मुख्य सचिव कार्यालय वरिष्ठ सचियों की समिति के पास अनुमोदन के लिए भेजेगा, उसके बाद उसे कैबिनेट में पेश किया जाएगा। सूत्रों की माने तो सरकार ने इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण के लिए शिलान्यास की तैयारी भी शुरू कर दी है। इंदौर में 9 जनवरी, 2023 को होने जा रहे प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट निर्माण का शिलान्यास कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की इंदौर से दूरी करीब 50 किमी और भोपाल से करीब 115 किमी रहेगी। बीते कुछ महीनों में एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया की टीम दो बार यहां आकर सर्वे कर चुकी है। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम इस जगह को तकनीकी रूप से एयरपोर्ट के लिए बेहतर बता चुकी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी भी इस मामले में अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को भेज चुकी है। दरअसल, यात्रियों के साथ कार्गो और लॉजिस्टिक हब को बढ़ावा देने के लिए इस एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। एसरपोर्ट तक सुगम आवागमन के लिए उसे भोपाल इंदौर, भोपाल- जयपुर , शाजापुर – देवास रोड और नरसिंहगढ़ को आपस में जोड़ा जाएगा।  जानकारी के अनुसार इंदौर के देवी अहिल्या बाई एयरपोर्ट टर्मिनल अगले साल तक अधिकतम क्षमता तक पहुंच जाएगा। जिसकी वजह से उसकी क्षमता वृद्वि के लिए 2314.52 एकड़ अतिरिक्त जमीन चाहिए होगी। एयरपोर्ट के समीप इतनी जमीन की उपलब्धता और उसे अधिग्रहण करना मुश्किल होगा। नया बनने वाला इंटरनेशनल एयरपोर्ट मौजूदा एयरपोर्ट के मुकाबले तीन गुना बड़ा होगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण पर करीब 1600 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में सरकार से 200 करोड़ रुपए मांगे हैं। वर्ष 2027 तक एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या 65 लाख और कार्गो परिवहन 50 हजार टन पहुंचने का अनुमान है।
इस तरह की सुविधाएं जुटाई जाएंगी
प्रोजेक्ट में भोपाल और इंदौर के बीच इंटरनेशनल एयरपोर्ट से होते हुए रीजनल रेल कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। इसके साथ ही 6 लेन रोड कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी।  जबकि एयरपोर्ट पर कार्गो टर्मिनल्स, जनरल एविएशन टर्मिनल और पार्किंग बेस, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग हब, एयर फ्यूल फार्म्स, कार पार्किंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर, हॉस्पिटेलिटी, एयरो स्पोर्ट्स के लिए नेशनल एविएशन यूनिवर्सिटी, कमर्शियल ऑफिस स्पेस आदि की सुविधाओं पर भी फोकस रहेगा।
 इस तरह के उठाए जाएंगे कदम
एयरपोर्ट विकसित करने के लिए स्पेशल परपज व्हीकल बनेगा, जिसमें एक नोडल एजेंसी और स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी होगी। प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के बाद एयरपोर्ट निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण और प्रोजेक्ट विकसित करने की कार्यवाही की जाएगी। विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति होगी। सरकार की तरफ से जमीन अधिग्रहण के लिए 1600 करोड़ रुपए का आवंटन किया जाएगा। इसमें से वर्ष -2022-23 में 200 करोड़, वर्ष 2023-24 में 500 करोड़, वर्ष 2024-25 में 600 करोड़ और वर्ष 2025-26 में 300 करोड़ की राशि आवंटित की जाएगी।

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