बिच्छू राउंडअप/मंकीपॉक्स टीका बनाने के लिए सीरम और भारत बायोटेक के बीच मची होड़

  • नगीन बारकिया
मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स टीका बनाने के लिए सीरम और भारत बायोटेक के बीच मची होड़
कोरोना की तरह अब मंकीपॉक्स टीका को लेकर देश की दो बड़ी नामचीन कंपनियों के बीच होड़ मची है। पिछली बार कोरोना रोधी कोवाक्सिन बनाने के लिए हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी सबसे आगे रही। इस बार पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट आॅफ इंडिया (एसआईआई) भी सरकार के साथ मिलकर मंकीपॉक्स का टीका बनाना चाहती है। बहरहाल इन दोनों ही कंपनियों ने अभी तक अपनी दावेदारी नहीं सौंपी है। जबकि स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक में दावा किया है। सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के साथ आॅनलाइन बैठक में भारत बायोटेक और सीरम दोनों कंपनियों ने जल्द से जल्द मंकीपॉक्स का तोड़ निकालने का दावा किया है। इसके लिए इन्हें जीवित वायरस की आवश्यकता पड़ेगी जिसमें आईसीएमआर सहयोग करेगा। बैठक में भारत बायोटेक कंपनी के चेयरमैन डॉ. कृष्णा एला ने कहा, टीका गुजरात के अंकलेश्वर में बनेगा। अभी तक दुनिया में दो ही स्थानों पर टीका बन सकता है जिसमें एक अंकलेश्वर में है और दूसरा जर्मनी के बवेरियन नॉर्डिक में है।

महिलाओं ने संभाली वाहन की कमान तो सड़क पर कम गई जान, रिपोर्ट में खुलासा
रसोई ही नहीं, ड्राइविंग में भी महिलाएं अपना हुनर साबित कर रही हैं। दिल्ली की सड़कों पर महिलाओं ने स्टीयरिंग संभाला तो उनसे होने वाली चूक पुरुषों की तुलना में नगण्य हैं। सड़कों पर 2021 में हुए हादसों में मौत के लिए पुरुषों की तुलना में महज एक फीसदी महिलाएं जिम्मेदार हैं। सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौत पर जारी दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। राजधानी में पिछले साल दुर्घटनाओं में हुई मौतों के लिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुष कई गुना अधिक जिम्मेदार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वाहन चलाते समय महिलाएं ज्यादा सतर्क होती हैं। अमूमन, वह देर रात ड्राइविंग सीट पर नहीं होती हैं। इसके अलावा वाहन चलाने के मामले में अभी भी लैंगिक असमानता है। इनका मिला-जुला असर रिपोर्ट में दिख रहा है। दिल्ली में 2021 में कुल 1,238 मौतें हुई। इनमें पुरुषों की संख्या महिलाओं से करीब 98 फीसदी अधिक है। इस दौरान 420 पुरुष दोपहिया चालकों सहित आठ महिलाओं ने भी जान गंवा दी। सड़कों पर पैदल चलते हुए हादसों का शिकार होने पर 71 महिलाओं की मौत हुई।

झारखंड के गुमला में 19 महिलाओं को उम्रकैद की सजा, खौफनाक जुर्म को दिया था अंजाम
वर्ष 2013 में गुमला के चर्चित डायन-बिसाही हत्याकांड में अदालत ने 19 महिलाओं को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सजा गुमला सिविल कोर्ट के एडीजे-1 दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत ने सुनाई है। कोर्ट ने सभी पर 25-25 हजार का जुमार्ना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर दो साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी। 11 जून 2013 को करंज थाना के करौंदा जोर टूकूटोली निवासी बेरजनिया इंदवार व एगनेसिया इंदवार पर डायन-बिसाही का आरोप लगा हत्या कर दी गई थी। बेरजनिया की पुत्री सेलेस्टीन ने आरोपियों के खिलाफ डायन बिसाही के आरोप में हत्या का केस दर्ज कराया था। प्राथमिकी के मुताबिक घटना के दिन आरोपियों ने गांव के एक युवक की मौत होने के बाद बैठक बुलाई थी। इसमें बेरजनिया व एगनेसिया को भी बुलाया गया था। वहां बेरजनिया और एगनेसिया को डायन करार देते हुए लाठी डंडे से पीटकर मार डाला गया था। दोनों महिलाएं अपने को बार-बार निर्दोष बता रही थीं। बावजूद इसके आरोपी महिलाओं ने उनकी तनिक भी नहीं सुनी। इस घटना के पूर्व भी गांव में बैठक बुला कर बेरजनिया व एगनेसिया से जुमार्ना वसूला गया था।

शिंदे सरकार के फैसले से कांग्रेस गदगद अलग-थलग पड़े उद्धव ठाकरे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को उनके होम ग्राउंड मुंबई में झटका दिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुंबई नगर निगम चुनाव (बीएमसी चुनाव) के लिए महाविकास अघाड़ी सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को रद्द कर दिया गया है और 2017 के अनुसार 227 वार्डों के ढांचे को बनाए रखने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। शिंदे सरकार ने मुंबई और अन्य नगर निगमों के सदस्यों की संख्या में भी संशोधन किया है। एकनाथ शिंदे के इस फैसले से कांग्रेस काफी खुश है। मुंबई कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि सरकार का यह फैसला मुंबई की जीत है। देवड़ा ने शिवसेना पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना द्वारा शिवसेना के लिए लिया गया यह फैसला अब इतिहास बन गया है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस को जानबूझकर निशाना बनाने और नगर निगम चुनाव में कांग्रेस का सफाया करने की यह रणनीति विफल रही है।

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