- नई तबादला नीति तैयार…जल्द लगेगी कैबिनेट की मुहर
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। करीब तीन माह पहले कई आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादलों के लिए तैयार की गई सूची में अब एक बार फिर से नाम जोड़ने व घटाने का काम शुरू होने जा रहा है। इसकी वजह है हाल ही में समाप्त हुए नगरीय निकायों व पंचायतों के चुनाव। दरअसल सरकार तबादले करती इसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश में यह चुनाव कराने पड़ गए। इसकी वजह से अब मानसून के बीच तबादलों की बारिश की तैयारियां की जा रही है। इस सूची में उन अफसरों के नाम तो शामिल हैं ही जिनको एक ही जगह पदस्थ हुए दो साल से अधिक का समय हो चुका है। इनमें प्रमुख रुप से उन अफसरों को हटाया जाना है जो मैदानी स्तर पर एक ही जगह पर पदस्थ बने हुए हैं। इसके अलावा जिन अफसरों की सत्तारुढ़ दल के नेताओं से पटरी नहीं बैठ रही है और जिन जिलों में भाजपा को पराजय देखनी पड़ी है। इसके अलावा कुछ वे अफसर हैं जिनके कामकाज से सरकार खुश नही है। इनमें खासतौर पर करीब डेढ़ दर्जन कलेक्टर और आईपीएस अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना होना तय है। इसके अलावा एक ही जगह पर बीते तीन सालों से पदस्थ अन्य अफसरों का भी हटाया जाना तय है। इस तरह की पदस्थापना अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की जानी है। दरअसल यह पूरी कवायद के पीेछे सरकार की मंशा अपने चहेते अफसरों की चुनाव के समय मैदानी पदस्थापना बनाए रखने की है। अभी से नए सिर से पदस्थापना किए जाने की वजह से चुनाव के समय सरकार को कम से कम तबादले करने पड़ेगें। मंत्रालय सूत्रों की माने तो वर्ष 2012 बैच तक के लिए प्रमोटी आईएएस अफसरों और वर्ष 2013 बैच तक के सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारियों को जिलों की कमान दी सकती है। दरअसल यह वे दोनों बैच के आईएएस अफसर हैं, जो जिलों की कमान सम्हालने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इनमें से कई अफसरों की मंशा पूरी हो सकती है। माना जा रहा है की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हर माह कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी और पुलिस अधीक्षकों की तैयार कराई जाने वाली रिपोर्ट रिपोर्ट का असर भी नई पदस्थापना सूची में दिख सकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसी रिपोर्ट के आधार पर ही समीक्षा की जाती है। इस सूची में उनका नाम तय माना जा रहा है जिन अधिकारियों का काम बार-बार समझाइश देने के बाद भी नहीं सुधर रहा है। इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन में जिन जिलों की शिकायतें अधिक आ रही हैं, उसे भी तबादलों में आधार बनाया जाएगा। इसी तरह से मंत्रालय में भी कुछ प्रमुख सचिवों के विभागों में फेरबदल संभावित है। कुछ आईएएस अधिकारी ऐसे हैं, जिनके पास एक से ज्यादा विभागों की जिम्मेदारी है या अतिरिक्त प्रभार है। अब ऐसे अफसरों से अतिरिक्त प्रभार वापस लेकर उस पद पर किसी अधिकारी की स्वतंत्र पदस्थापना की जा सकती है।
मैदानी पदस्थापना में बढ़ेगी प्रमोटी अफसरों की भागीदारी
प्रदेश के 52 जिलों में से बीस से अधिक जिलों की कमान राज्य प्रशासनिक सेवा से पदोन्नत होकर आईएएस अफसर बनने वाले प्रमोटियों के पास है। इसी तरह से करीब डेढ़ दर्जन जिलों में प्रमोटी आईपीएस अफसर भी पदस्थ हैं। जिन जिलों में प्रमोटी कलेक्टर हैं उनमें इंदौर, विदिशा, रायसेन, रीवा, सीधी, शहडोल, दतिया, शाजापुर, आगर मालवा, रतलाम, मंदसौर, खरगोन, बड़वानी, टीकमगढ़, पन्ना, देवास, उमरिया, निवाड़ी, शिवपुरी, डिंडोरी, श्योपुर शामिल हैं। इसके अलावा शेष 35 जिलों की कमान सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारियों के पास है। माना जा रहा है की नई तबादला सूची में प्रमोटी अफसरों को मैदानी पदस्थापना में अधिक महत्व दिया जा सकता है। उधर, पुलिस विभाग में जिन अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना होनी है उनमें एसपी, डीआईजी व आईजी स्तर तक के अफसर शामिल हैं। इनमें शिवपुरी एसपी राजेश चंदेल व धार एसपी का जिले में तीन वर्ष से अधिक का कार्यकाल होने से उनकी नई पदस्थापना होनी तय है। इसके अलावा पुलिस हाउसिंग अध्यक्ष का पद रिक्त बना हुआ है, जबकि स्पेशल डीजी मुकेश जैन को नई पदस्थापना का इंतजार है। उधर, स्पेशल डीजी एसएएफ मिलिंद कानस्कर एक माह बाद 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी जगह परिवहन आयुक्त एसके झा स्पेशल डीजी पद पर पदोन्नत होंगे।
रिक्त हो रहा आबकारी आयुक्त का पद
आयुक्त स्तर पर सबसे अधिक महत्वपूर्ण पद आबकारी आयुक्त का है। इस पद पर पदस्थ राजीव दुबे एक माह बाद 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैें। उनके पद पर कई अफसरों की दावेदारी है। इनमें कमिश्नर सागर मुकेश शुक्ला , कमिश्नर शहडोल राजीव शर्मा व कमिश्नर महिला व बाल विकास डॉ. आरआर भोसले के अलावा आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत बरवडे व आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. सुदाम खाड़े के नाम की चर्चा है। बरबड़े और खाड़े सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारी हैं। इन दोनों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पसंदीदा अफसर माना जाता है।
त्यौहारों की वजह से हो सकती है देरी
माना जा रहा है कि प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी त्यौहार के समय तबादलों के पक्ष में नहीं है। विशेषकर पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों को लेकर। अधिकारियों का कहना है कि तबादला करने में आपत्ति नहीं है, लेकिन त्यौहार निपटने के बाद करना चाहिए। खैर यह सब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा पर निर्भर करता है।
जल्द जारी होगी नई तबादला नीति
माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही तबादला नीति-2022 जारी करेगी, ताकि विभागीय स्तर पर किए जाने वाले जरूरी तबादले किए जा सकें। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसे तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जा चुका है। जिसे मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। माना जा रहा है की अगले माह अगस्त में तबादला नीति जारी कर विभागों को स्थानांतरण के अधिकार दिए जा सकते हैं। दरअसल, अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पूर्व सभी मंत्री स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाने की मांग कर चुके हैं। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक माह के लिए प्रतिबंध हटाने का प्रस्ताव तैयार करके मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज दिया था, लेकिन पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा हो गई। इस दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर केवल उन्हीं अधिकारियों के तबादले किए गए, जिन्हें एक स्थान पर पदस्थ रहते तीन साल हो गए थे। इसमें अधिकारियों को जिले में ही एक स्थान से दूसरे स्थान में पदस्थ किया गया है।
31/07/2022
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