अब गांधी और अंबेडकर जयंती पर भी होगी बंदियों की रिहाई

गांधी और अंबेडकर जयंती
  • मप्र जेल विभाग ने मॉडल जेल मैनुअल किया तैयार ….

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की जेलों में बंद कैदियों की स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अलावा अब गांधी जयंती और अंबेडकर जयंती पर भी रिहाई होगी। इसके लिए मप्र जेल विभाग ने मॉडल जेल मैनुअल तैयार किया है। इस मॉडल जेल मैनुअल में जेलों में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। जेल विभाग का फोकस है कि प्रदेश की जेलें देशभर के लिए आदर्श बनें।
मप्र जेल विभाग के मॉडल जेल मैनुअल  के अनुसार मप्र सरकार अच्छे आचरण के आधार पर अब साल में 4 बार समय पूर्व बंदियों की जेलों से रिहा करने की तैयारी कर रही है। अभी साल में दो बार यानी स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर बंदियों को रिहा किया जाता है। अब गांधी जयंती और अंबेडकर जयंती पर भी बंदियों को जेलों से रिहा किया जाएगा। सरकार बंदियों की रिहाई की नीति में संशोधन करने जा रही है। विभिन्न राज्यों की नीति का अध्ययन कर जेल विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर जेल मंत्री के पास भेज दिया है।
आजीवन कारावास वालों की अब समय पूर्व रिहाई नहीं
मॉडल जेल मैनुअल में नई रिहाई नीति के अनुसार महिलाओं व बच्चों से जुड़े अपराध में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों की अब समय पूर्व रिहाई नहीं होगी, उन्हें अंतिम सांस तक जेल में ही गुजारना होगा। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वर्ष में 7 बार और ओडिशा, बिहार व हिमाचल प्रदेश में 4 बार रिहाई की जाती है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्रकरण के हिसाब से निर्णय लिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को आजीवन कारावास के सजा पाए कैदियों की रिहाई की नीति के संबंध में विचार करने के लिए कहा था। सामान्य प्रशासन विभाग ने मई, 2022 में इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल डॉ. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में समिति बनाई। यह तय किया गया है कि सरकार की मंशा के अनुरूप बच्चों, महिलाओं, सरकारी कर्मचारी की हत्या, मादक पदार्थ और आतंकवाद से जुड़े मामलों में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों को रिहाई के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इसी तरह सीबीआई, राष्ट्रपति द्वारा मृत्युदंड को आजीवन कारावास में परिवर्तित करने के मामले में भी रिहाई का प्रावधान लागू नहीं होगा।
स्वतंत्रता दिवस पर रिहा करने बन रही सूची
गौरतलब है कि प्रदेश में 11 केंद्रीय, 41 जिला, 73 उप और 6 खुली जेल हैं। 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में प्रदेश की जेलों में बंदी आवास क्षमता 29 हजार 571 है। इसके विरुद्ध 47 हजार 405 कैदी बंद हैं। इनमें सजायाफ्ता 19 हजार 469 और विचाराधीन बंदी 27 हजार 936 हैं। आजीवन कारावास से दंडित बंदी 11,377 हैं। इस बार 15 अगस्त को मप्र की जेलों से अच्छे आचरण वाले सजायाफ्ता बंदियों की रिहाई की जाएगी। इस संबंध में जेल विभाग की ओर से बंदियों की सूची तैयार की जा रही है। गौरतलब है कि जेल विभाग ने मॉडल जेल मैनुअल तैयार किया है, जिसमें पुरानी जेलों की व्यवस्थाओं में कई बदलाव किए जाने और नई बनने वाली जेलों में मैनुअल के हिसाब से निर्माण कार्य किए जाने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की अनुशंसा की गई है।
खरगोन दावा अधिकरण के कार्यकाल में तीन महीने की वृद्धि
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन ने 10 अप्रैल, 2022 को खरगोन में हुए उपद्रव में सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए गठित दावा अधिकरण के कार्यकाल में 3 माह की वृद्धि की है। कार्यकाल बढ़ाए जाने संबंधी सूचना को मध्यप्रदेश राजपत्र में 25 जुलाई को प्रकाशित कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि मध्यप्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसान की वसूली अधिनियम-2021 की धारा-4 के अनुसार 12 अप्रैल, 2022 को गठित दावा अधिकरण का कार्यकाल 26 जुलाई को समाप्त होने के पूर्व 25 जुलाई को कार्यकाल में वृद्धि संबंधी अधिसूचना का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया गया है। अधिकरण का कार्यकाल अब 26 अक्टूबर, 2022 तक रहेगा।

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