निकाय चुनाव: हक मारे जाने से खफा स्वर्ण संगठन हो रहे लामबंद

निकाय चुनाव

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा और कांग्रेस नेताओं की मानमानी निकाय चुनाव में कई जगहों पर उनके प्रत्याशियों के लिए भारी पड़ सकती है। इसकी वजह है वार्डों में बाहरी और सामन्य वर्ग की सीटों पर आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार उतारा जाना। इसकी वजह से समान्य वर्ग के मतदाताओं में इन दोनों ही दलों को लेकर नाराजगी बढ़ती ही जा रही है। हालात यह हैं कि कई जगहों पर सर्वण समाज के संगठन लामबंद होकर या तो नोटा का बटन दबाने या फिर चुनाव बहिष्कार तक की तैयारी तेजी से कर रहे हैं। खासकर उन सीटों को लेकर राजपूत और ब्राह्मण समाज में नाराजगी है, जहां सामान्य के लिए आरक्षित वार्डों में इन पार्टियों ने ओबीसी वर्ग के लोगों को टिकट दे दिया है। यही वजह है कि पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी किए जाने के बाद से शुरू हुआ घमासान अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी वजह से कई वार्डों में तो अभी से प्रत्याशियों के समीकरण बिगड़ने शुरू हो गए हैं।  उधर इन दोनों दलों को पहले से ही टिकट के दावेदार अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी से जूझना पड़ रहा है, जिसकी वजह से अब उनकी परेशानियां और बढ़ गई हैं।  
अगर भोपाल की बात करें तो यहां पर वार्ड-52 सामान्य वर्ग महिला के लिए आरक्षित है। भाजपा ने यहां पर ओबीसी वर्ग की शीला पाटीदार को प्रत्याशी बनाया है। वे पूर्व पार्षद राम बाबू पाटीदार की पत्नी हैं और गोविंदपुरा विधायक की बेहद करीबी मानी जाती हैं। इसके उलट कांग्रेस ने यहां पर सामान्य वर्ग की महिला रजनी दुबे को तो आप ने कायस्थ समाज की प्रीती खरे को प्रत्याशी बनाया है। इसी तरह से हुजूर विधानसभा के कोलार इलाके के सामान्य वर्ग महिला के लिए आरक्षित वार्ड 84 में भाजपा ने ओबीसी वर्ग की शोभना वीरेंद्र मारण को उम्मीदवार बनाया है।
वे दूसरे इलाके की रहने वाली हैं, जिसकी वजह से उन पर बाहरी प्रत्याशी होने का भी आरोप लग रहा है। उन्हें हुजूर विधायक रामेश्वार शर्मा का करीबी माना जाता है। कांग्रेस ने भी यहां पर सामान्य की जगह ओबीसी वर्ग की ही पूर्व पार्षद मंजीत मारन की पत्नी बरखा मारण को प्रत्याशी बनाया है। इसी तरह से वार्ड-83 में भी भाजपा ने सामान्य सीट पर रवींद्र यती को उम्मीदवार बनाया है। वह ओबीसी वर्ग से आते हैं। वे पहले वार्ड 80 से पार्षद रह चुके हैं। कांग्रेस ने भी यहां से सामान्य वर्ग की बजाय ओबीसी से आने वाले मंगल सिंह यादव पर दांव लगाया है। जबकि दोनों पार्टियों से सामान्य वर्ग के कई लोग इन वार्डों से बेहद मजबूती से  दावेदारी कर रहे थे , लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया। दरअसल प्रदेश में बीते कई माह से अपने राजनैतिक फायदे के लिए भाजपा व कांग्रेस ओबीसी को लेकर घमासान मचाए हुए हैं। इस मामले में मप्र राजपूत समाज के महासचिव दीपक राजूत का कहना है कि आरक्षण की प्रक्रिया इसलिए होती है कि जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, वहां उसी वर्ग के लोगों को उम्मीदवार बनाया जाए। कई वार्ड जो सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं, वहां राजनीतिक दलों ने ओबीसी के उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे वार्डों में नोटा दबाएंगे या मतदान का बहिष्कार करेंगे। इसी तरह से परशुराम सेवा संगठन के अध्यक्ष सुनील पांडे का कहना है कि  कई वार्डों में अनारक्षित सीट से दलों ने सामान्य वर्ग के नेताओं कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया। वहां से दूसरे वर्गों के लोगों को टिकट दिया गया है। हम इसका विरोध करते हैं।
बड़े नेता उतरे चुनावी प्रचार में
प्रदेश के निकाय चुनाव में अब चुनावी प्रचार जोर पकड़ने लगा है। चुनाव प्रचार को लेकर भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मोर्चा सम्हाल लिया है जबकि कांग्रेस की तरफ से यह काम प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कर रहे हैं। इसके लिए दोनों ही दलों के बड़े नेताओं के दौरे के लिए रोडमैप को अंतिम रुप दिया जाने लगा है। यह नेता प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों पर प्रचार के लिए जाएंगे। खास बात यह है कि कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों को दो -दो जिलों का प्रभार सौंपा गया है इसमें उनका गृह जिले के अलावा एक अन्य जिला शामिल है। इसी तरह से भाजपा के मंत्रियों को भी दो -दो जिलों में किला लड़ाना पड़ रहा है।
नाथ ने किया सिंगरौली से अभियान शुरू
कमलनाथ आज से अपने चुनाव प्रचार के अभियान की शुरूआत कर रहे हैं। इस दौरान वे सिंगरौली में सभी करने जा रहे हैं। वे 26 जून को सागर में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में रोड शो करेंगे। वे 27 जून को सतना में सभा करेंगे। आगामी तिथियों में उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और छिंदवाड़ा सहित अन्य स्थानों पर रैली, रोड शो और सभा का कार्यक्रम है। कांग्रेस में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, अरुण यादव, पूर्व मंत्री अजय सिंह, कांतिलाल भूरिया भी चुनाव प्रचार करेंगे। कांग्रेस भाजपा सरकार की असफलता और कमलनाथ सरकार की डेढ़ साल की सफलता को लेकर जनता के पास जाने की रणनीति पर काम कर रही है। कैंपेन तैयार किया गया है। वचन-पत्र भी तैयार हो रहा है। दिग्गज नेताओं को अपने-अपने गढ़ में कांग्रेस का परचम फहराने की जिम्मेदारी दी है। विधायकों से कहा गया है कि वे विधानसभा क्षेत्रों के निकायों में अधिक से अधिक वोट दिलाएं। दिग्गज नेताओं का रोड शो होगा, चुनावी सभाओं का भी कार्यक्रम पीसीसी तैयार कर रही है।

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