- डीपीआई ने साढ़े पांच लाख साइकिलें खरीदने जारी किए टेंडर …
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में करीब दो साल बाद एक बार फिर से स्कूली छात्र-छात्राओं को साईकिल मिलेगी। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने साढ़े पांच लाख साइकिलें खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। छात्र-छात्राओं को सितंबर अक्टूबर से साइकिलों का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। साइकिल खरीदी के लिए सरकार ने बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से साईकिल वितरण पर रोक लगी हुई थी। अब चालू शिक्षण सत्र में सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल देने की तैयारी हो रह है। सूत्रों का कहना है कि साइकिलें सिर्फ नए सत्र में छठी एवं नवीं में प्रवेश लेने वाले बच्चों को ही मिलेंगी। पिछले दो साल में वंचित स्कूली बच्चों को साइकिल देने की योजना नहीं है।
बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान
राज्य सरकार की ओर से दूसरे गांव में पढ़ाई करने जाने वाले कक्षा छठी और नवीं के छात्र-छात्राओं को साइकिलों का वितरण किया जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से साइकिल वितरण पर रोक लगी थी। डीपीआई ने साढ़े पांच लाख साइकिलें खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। छात्र- छात्राओं को सितंबर अक्टूबर से साइकिलों का वितरण शुरू कर दिया जाएगा। साइकिल खरीदी के लिए सरकार ने बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सत्र 2020-21 में साइकिल देने के लिए जनवरी, 2020 में ही प्रस्ताव तैयार हो गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण मार्च, 2020 में देशभर में लॉकडाउन लग गया। तभी से सितंबर, 2021 तक स्कूल नियमित नहीं खुल सके। इससे पहले वर्ष 2019-20 में 7.91 लाख छात्र-छात्राओं को साइकिलें दी गई थीं। अब चूंकि कोरोना संक्रमण लगभग समाप्त हो गया है, इसलिए सरकार ने छात्र-छात्राओं को फिर साइकिल वितरण की तैयारियां तेज कर दी हैं।
इस बार नियमों में कुछ बदलाव
गौरतलब है कि छात्र छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना की शुरुआत मप्र सरकार ने वर्ष 2015 में की थी। इस योजना में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के उन छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जाती है, जो सरकारी स्कूलों में कक्षा छठी एवं नवीं में अध्ययनरत है। कक्षा छठी के बच्चों को 18 इंच और नवीं के बच्चों को 20 इंच की साइकिल दी जाती है। नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना की शुरूआत में पढ़ाई के लिए एक से दूसरे गांव जाने वाले छात्र-छात्राओं को साइकिल देने का प्रावधान था, चाहे दोनों गांवों के बीच की दूरी कितनी भी कम या ज्यादा हो, लेकिन बाद में इसमें दोनों गांवों के बीच की न्यूनतम दूरी संबंधी शर्त जोड़ दी गई है। अब साइकिल उन्हीं बच्चों को दी जाएगी, जिनके गांव के बीच दूरी कम से कम दो किलोमीटर है। जिन गांवों के बीच की दूरी 2 किमी से कम है, वहां के बच्चों को साइकिल का वितरण नहीं किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहरों के साथ गांवों का भी विस्तार हो रहा है। कई गांव का इतना विस्तार हो गया है कि दो गावों के बीच की दूरी न के बराबर रह गई है। ऐसे में बच्चों को पढ़ाई के लिए दूसरे गांव जाने में लंबी दूरी तय नहीं करना पड़ती। यही वजह है कि साइकिल वितरण के लिए दो गांवों के बीच की न्यूनतम दूरी का प्रावधान किया गया है।