सरकार को गेहूं देकर पाई-पाई को तरस रहे किसान

गेहूं

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसान अब पाई-पाई के लिए परेशान हो रहे हैं। शादी -विवाह का मौसम होने व बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए किसानों के पास फसल बिकने के बाद भी पैसा नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें दूसरी जगहों से कर्ज लेकर काम चलाना पड़ रहा है। लापरवाही का आलम यह है की अप्रैल माह में जिन किसानों ने फसल बेची थी उन किसानों को अब तक भुगतान नहीं मिला है, तो मई में फसल बेचने वाले किसानों के हाल समझे ही जा सकते हैं। इधर, जिम्मेदारों का दावा है कि अब तक किसानों के खातों में 400 करोड़ से अधिक की राशि डाली जा चुकी है। उल्लेखनीय है की भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर समेत 37 जिलों में 4 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी शुरू की गई थी।
उस दौरान दावा किया गया था की फसल बिकने के एक सप्ताह में ही किसानों के खातों में राशि डाल दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। अगर भोपाल की बात की जाए तो जिले के 26 हजार से अधिक किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेंहू बेंचा है। सरकारी आंकड़ों में 29 हजार किसानों को भुगतान करना बताया जा रहा है। इस मामले में कहा जा रहा है की किसानों को दो से तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है, जिसकी वजह से भुगतान न पाने वाले किसानों की संख्या अधिक बनी हुई है। कुछ ही किसानों का भुगतान नहीं हुआ है, उनका भुगतान भी जल्द  कर दिया जाएगा। रोलूखेड़ी के एक किसान के मुताबिक उसने सरकारी खरीदी केन्द्र में 25 अप्रैल को फसल बेची थी। इसका करीब 1 लाख 93 हजार का भुगतान होना था, लेकिन उनके खाते में बीस दिन बाद भी राशि नहीं आयी है। इसकी वजह से वे न तो  सोसायटी की राशि जमा कर सके हैं और न ही अन्य कार्य कर पा रही हैं।
रातीबड़ में आधे किसान परेशान: रातीबड़ सोसायटी में गेहूं बेचने वाले आधे से अधिक किसानों को अभी तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। हालात यह हैं की जिन किसानों ने 25 अप्रेल को गेहूं बेचा था, लेकिन 21 दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें भुगतान नहीं किया गया है। इसी तरह एक अन्य किसान कनिराम के मुताबिक उन्होंने  24 अप्रैल को गेहूं सरकारी केन्द्र में बेचा था। उस समय कहा गया था कि एक सप्ताह में भुगतान हो जाएगा, लेकिन अब तक उन्हें राशि का भुगतान नहीं किया गया है। उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष रहे मनमोहन नागर का आरोप है की आज भी जिले के सैकड़ों किसान परेशान हैं।  फसल बेचने के 20 से 25 दिन बाद भी किसानों के खाते में राशि ट्रांसफर नहीं हो सकी है। इस मामले को पिछले दिनों प्रभारी मंत्री के समक्ष भी  रख चुके हैं।  
दो दिन रहेंगी अनाज मंडी बंद
गेहूं निर्यात प्रतिबंध के विरोध में दो दिन भोपाल सहित प्रदेश की अनाज मंडियां बंद रहेंगी। केंद्र सरकार द्वारा तत्काल प्रभाव से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के विरोध में सकल अनाज दलहन-तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के आह्वान पर 17 और 18 मई को प्रदेश की मंडियों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। भोपाल ग्रेन एण्ड आॅइल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश कुमार ज्ञानचंदानी के मुताबिक यदि सरकार निर्णय स्थगित नहीं करती है, तो आगे का निर्णय व्यापारियों के सुझाव पर लिया जाएगा। उनका कहना है की केंद्र सरकार द्वारा तत्काल प्रभाव से गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण निर्यातकों द्वारा प्रदेश के हजारों व्यापारियों का लाखों टन गेहूं देश के विभिन्न बंदरगाहों पर संभालने से मना कर दिया गया है।

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