मंत्री के दावों के बाद भी…जांच के बाद भ्रष्टों पर नहीं हो पा रही… कार्रवाई

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। गांव और ग्रामीणों के विकास और खुशहाली के लिए चलाई जा रही योजनाएं भ्रष्टाचार की चपेट में हैं। इस कारण योजनाओं को सही-सही फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति तब है जब प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने ऐलान किया था कि विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उधर, मंत्री की घोषणा के बाद से भी प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं में भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
विभागीय जानकारी के अनुसार प्रदेश में लगभग सभी जिलों में सरपंच, सचिव, उप यंत्री और जनपद पंचायत सीईओ सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें हैं। अनियमितताओं की बड़ी संख्या में जांच भी चल रही हैं। अधिकांश मामलों की जांच रिपोर्ट भी सौंप दी गई लेकिन दोषी पाए गए कर्मचारी और अधिकारी कार्रवाई से बचे हैं। जबकि मंत्री ने माना था कि पीएम आवास, स्वच्छता अभियान और मनरेगा के अन्तर्गत शिकायतें मिल रहीं हैं। सिसौदिया का कहना है कि हर जिले में लोकपाल की नियुक्ति कर रहे हैं। मनरेगा पर विशेष फोकस रहेगा। निर्माण कार्यों की जांच ड्रोन से भी कराने का प्लान है। कुछ नए ऐप-भी ला रहे हैं। कई मामले लोकायुक्त में गए हैं। लोग जिस गति से शिकायत करेंगे, कार्रवाई भी तेज होगी।
कहीं पीएम आवास तो कहीं निर्माण कार्यों में अनियमितता
प्रदेश के लगभग हर जिले में ग्रामीण विकास की योजनाएं भ्रष्टाचार की चपेट में हैं। सतना जिले के रैगांव उप चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पीएम आवास में घर नहीं मिलने की शिकायत मिली थी। इस तरह की शिकायतें लगभग हर जिले में मिल रही हैं। वहीं सिरोंज के भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने सिरोंज एवं लटेरी में विकास कार्यों में गड़बड़ी होने की बात कही है यहां 4082 कार्य मंजूर हुए थे 18285.8 लाख की राशि मंजूर हुई विकासखंड लटेरी अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरा मेघनाथ झुकर जोगी तथा सिरोंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत खेड़ा खेड़ी भंवरिया एवं पामाखेड़ी के निर्माण कार्यों की जांच कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जिला विदिशा द्वारा कराई गई इसमें ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव सहित उपयंत्री व सहायक यंत्री दोषी पाए गए इन मामलों में अब तक दोषी बचे हुए हैं।
कई मामलों में जांच…क्या आएगी आंच
प्रदेश के कुछ जिलों में बड़े मामलों में जांच चल रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी। दमोह जिले के हटा विकासखंड में वर्ष 2018-19, 2019-20 और 20- 21 में मनरेगा अंतर्गत 824 सामुदायिक मूलक कार्य 3045.80 लाख एवं जनपद पंचायत पटेरा में 853 सामुदायिक मूल कार्य 4094.16 लाख के स्वीकृत हुए। इसमें कार्य गुणवत्ता हीन होने की शिकायतें की गई हैं। छिंदवाड़ा जिले के सौंसर के ग्राम घोगरी से भवानी माता मंदिर की ओर भग डेढ़ किमी की सड़क 2019 में जूर हुई लेकिन तीन साल बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ। विभाग किसानों की जी भूमि आने एवं किसान द्वारा शासन क्ष में भूमि दान देने हेतु तैयार न होने के रण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। रीवा जिले में निर्माण कार्यों की करीब दो सौ शिकायतें मिली हैं। वर्ष 2019 से मार्च 2022 तक शहडोल जिले में 46 शिकायतें मिलीं। इनमें 14 शिकायतों की जांच पूरी हो चुकी हैं। एक शिकायत में सहायक यंत्री और 6 शिकायतों में 4 उप यंत्री दोषी पाए गए। रीवा जिले में 126 शिकायतों में से 82 मामलों में जांच पूरी हो चुकी हैं।

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