- प्रणव बजाज
पॉवर के बाद भी अपना फ्रंट बना रहे दक्षिण के आईएएस
मप्र की शिव सरकार में शायद ही ऐसा कोई दक्षिण भारतीय अफसर हो , जो पॉवरफुल जगह पर न हो, इसके बाद भी इस क्षेत्र के तहत आने वाले राज्यों के अफसरों ने अपना फ्रंट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल संकेत तो यही मिल रहे हैं। हाल ही में राजधानी में दक्षिण भारत के एक समाज का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सूबे के मुखिया को भी विशेष तौर पर बुलाया गया था। इसमें कुछ वर्तमान और पूर्व तेलगू आईएएस भी शामिल हुए थे। इसके बाद से ही यह अनुमान लगाया जाने लगा है कि सरकार में अपने पैर जमाए रखने के लिए यूपी, बिहार की तरह तेलुगू ब्यूरोक्रेट्स भी फ्रंट की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल इस दौरान सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने एक दुर्घटना में उन्हें बचाने वाले जिन आईएएस का नाम लिया, वे तेलुगू है। गौरतलब है कि प्रदेश में 1983 से 2018 के बैच के बीच मौजूदा और पूर्व करीब 14 तमिलनाडु के आईएएस हैं। आंध्र, केरल कर्नाटक और तेलंगाना के भी लगभग 15 होंगे। जबकि उप्र के करीब सवा सौ आईएएस मप्र में हैं।
चैंबर व बंगला की चाहत में कई वरिष्ठ आईएएस अफसर
बीते माह ही एक अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसकी वजह से उनका मंत्रालय के नए दो नबंर के भवन की चौथी मंजिल पर बना चैंबर और सरकारी बंगला भी अब खाली हो चुका है। इसके बाद से ही कई सीनियर आईएएस अफसर उनके चैंबर को पाने के लिए जोड़तोड़ में लगे हुए हैं। इस चैंबर की खास बात यह है कि इसका दरवाजा सीधे प्रशासनिक मुखिया के चैंबर की तरफ ही खुलता है। इस चैंबर को बेहद मलाईदार माना जाता है। जिसमें शुरुआत से ही बेहद प्रभावशाली आईएएस ही बैठते आ रहे हैं। इसी तरह से उनके शासकीय बंगले पर भी कई अफसरों की नजर बनी हुई है। इसकी वजह है कि बीते कई सालों से यह बंगला सूबे के प्रशासनिक मुखिया का आवास बनता रहा है। चर्चा तो यह है कि चैंबर और आवास के लिए एसीएस स्तर के कई अधिकारी लगातार मेहनत कर रहे हैं। अब देखना तो यह है कि कौन इसमें सफल होता है।
बोले लक्ष्मण सिंह, न राम बहरे हैं न अल्लाह
सूबे में लाउडस्पीकर पर सियासत का दौर जारी है। अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और चाचौड़ा से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हुए कहा है कि न तो राम बहरे हैं और न ही अल्लाह। सिंह का कहना है कि लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगाना अच्छा निर्णय होगा। दंगे भी नहीं होंगे, जनता को राहत मिलेगी। उनका कहना है कि जो शक्तियां दुनिया को पालती हैं, उन्हें कुछ मूर्ख क्या सुनाएंगे और सिखाएंगे? इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार के निर्णय का स्वागत कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि बारातों के डीजे या किसी भी जुलूस के शोर का एक समय तय हो एवं आवाज की सीमित सीमा भी तय हो तभी हम स्वस्थ्य समाज की रचना में योगदान दे पाएंगे। उन्होंने मध्य प्रदेश में यूपी जैसे निर्णय लेने की बात कही थी।
दी जाएगी लोगों को भ्रष्टाचार की शिकायत करने की ट्रेनिंग
भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की शिकायत किस तरह से की जाए, इसकी ट्रेनिंग अब लोकायुक्त संगठन द्वारा आम लोगों को दी जाएगी। इसके लिए बाकायदा जिलों में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इस तरह का प्रयोग बीते साल लोकायुक्त संगठन ने कुछ जिलों में किया भी था। इसके परिणाम अच्छे देखने में आ रहे हैं। इससे उत्साहित लोकायुक्त संगठन इस बार भी अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत करने संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम जल्द प्रारंभ करने जा रहा है। इसके तहत लोगों को बताया जाएगा कि वे किन मामलों की और किस प्रकार शिकायत कर सकते हैं। दरअसल लोकायुक्त में शिकायत करने का विशेष तरीका होता है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में शपथ पत्र देकर शिकायत करनी होती है। रिश्वत मांगे जाने के मामले में शिकायत का औचित्य बताना होता है। जैसे किसी योजना में आवेदन या बिल लंबित होने का प्रमाण आदि की जानकारी देनी होती है। रिश्वत मांगे जाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के ऑडियो या वीडियो साक्ष्य भी दिए जाते हैं ऐसी शिकायतें कहां कैसे करनी हैं, यह बात भी आम आदमी को बताई जाएंगी।