- प्रणव बजाज
अब विधायक जी जोड़ रहे हाथ और पड़ रहे पैर
इन दिनों एक माननीय अपने पत्र की भाषा को लेकर बेहद चर्चा में हैं। इन माननीय को अपने क्षेत्र की एक स्वीकृत मांग के आदेश जारी कराने के लिए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से मनुहार करनी पड़ रही है। बरगी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय यादव ने हाल ही में राजस्व विभाग के पीएस को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि साहब आपके हाथ जोड़ते हैं, पैर पड़ते हैं, बरगी को तहसील बना दो। दरअसल यादव बीते तीन साल से बरगी को पूर्णकालिक तहसील का दर्जा दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। बतौर यादव उनकी इस मांग पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सहमति जताई जा चुकी है। उनके द्वारा इस मामले में राजस्व विभाग को कार्रवाई के लिए भी कहा है, लेकिन विभागीय पीएस कोई कार्रवाई नहीं कर रहे। उनका कहना है कि इस मामले में राजस्व मंत्री भी उनसे सहमति जता चुके हैं। इसके बाद भी वे करीब एक सैकड़ा बार पीएस मनीष रस्तोगी के पास जा चुके हैं। बरगी को तहसील बनाने के लिए अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। इसके बाद भी काम नहीं हो पा रहा है।
प्रज्ञा व पवैया भी आए अब विरोध में
पूर्व सीएम उमा भारती द्वारा शराब बंदी को लेकर चलाई जा रही मुहिम को अब भोपाल सासंद साध्वी प्रज्ञा सिंह का साथ मिल गया है। प्रज्ञा का कहना है कि वे सौ फीसदी शराबबंदी का समर्थन करती हैें और शराबबंदी होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि धन उपार्जन के लिए और भी साधन हैं। धन तो आ रहा है लेकिन इससे समाज बिखर रहा है। इसी तरह से उन्होंने वर्ग विशेष पर निशाना साधते हुए कहा कि धर्म आधारित जब एक राष्ट्र बन चुका है तो यह लोग वहां जाएं। हमारे यहां धार्मिक जुलूस पर हमला करने वाले कौन हैं, सबसे ज्यादा क्राइम करने वाला कौन सा समाज है। हमारी बेटियों को और उनके साथ गलत कार्य करने वाले कौन हैं। यह सब जानते हैं। उन्होंने विदिशा के विजय मंदिर में 71 वर्षों से ताला लगा होने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उधर, बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र भाजपा के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने मध्य प्रदेश में भी मंदिर-मस्जिद में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की मांग की है। पवैया ने कहा, मजहब के नाम पर दादागीरी नही ंचलेगी। मजहब के नाम पर जब कुछ लोग नियम-कानून को खूटी में टांगकर अपना विशेषाधिकार मानकर दादागिरी करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान को तब तक समरस बनाना बहुत कठिन है, जब तक इस प्रकार के विशेष अधिकार को खत्म न कर दिया जाए। तभी ये अवैध गतिविधियां रुक सकती हैं।
जल संकट वाले गांव होंगे मल्टी विलेज स्कीम में शामिल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के अनुसार हर घर नल से जल योजना के अंतर्गत मप्र के जिन गांवों में पानी का एक भी सोर्स नहीं है, उन गांवों को मल्टी विलेज स्कीम में शामिल कर पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है। यह बात केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कही है। उनका कहना है कि हर घर नल से जल योजना के तहत केन्द्र सरकार ने साठ हजार करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया है। यानी राज्यों के लिए चार गुना बजट आवंटित किया है। अब राज्य सरकारें अपने हिस्से की राशि जमा कर चार गुना राशि ले सकती है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार के समय मध्यप्रदेश की स्थिति इस योजना में बहुत खराब थी। शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद बेहतर वित्तीय प्रबंधन कर राशि की व्यवस्था की। जिससे मध्यप्रदेश की स्थिति अब काफी अच्छी है। राज्य सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। पटेल ने कहा कि इस योजना में पानी के लिए स्थाई सोर्स की गारंटी होना चाहिए, इसका एसेसमेंट थर्ड पार्टी द्वारा किया जाना चाहिए।
पीके को लेकर कांग्रेस में कोई विरोध नहीं: दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री और दस जनपथ के बेहद करीबी माने जाने वाले दिग्विजय सिंह ने कहा है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा कांग्रेस को मिशन 2024 के लिए सौंपे गए प्लान और उनके पार्टी में शामिल होने को लेकर कांग्रेस में कोई विरोध नही है। उन्होंने इस मामले में स्थिति साफ करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर के प्रजेंटेशन में कोई नई बात नहीं है, लेकिन जो बातें हैं, वे अच्छे फार्मेट में हैं। हमने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस नेतृत्व को सौंप दी है। कांग्रेस अध्यक्ष इस बारे में अंतिम फैसला करेंगी। बता दें कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के मिशन 2024 के लिए एक रोडमैप तैयार करके दिया है। इस पर कांग्रेस की एक कमेटी ने मंथन कर अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपी थी, लेकिन ऐसी खबरें हैं कि प्रशांत किशोर को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में एक राय नहीं बन पा रही है।