- 10 दिन की देरी से लगी 1500 से 2000 रुपए की चपत
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना काल के बिल के समायोजन के लिए बिजली विभाग द्वारा मीटर रीडिंग में की गई देरी का खामियाजा अब उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। आलम यह है कि 10 दिन की देरी से हुए मीटर रीडिंग के कारण 100 रूपए वाले उपभोक्ताओं को 1500 से 2000 रुपए तक का बिल थमाया गया है। इससे उपभोक्ता हैरान और पेरशान हैं।
गर्मी के दिनों में बिजली मीटर रीडिंग में दस दिन तक की देरी उपभोक्ताओं की जेब पर काफी भारी पड़ रही है। बिजली कंपनी ने भले ही दावा किया हो कि इससे अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को बिल बीस गुना तक बढ़े हुए मिले। यानी जिन उपभोक्ताओं को मार्च में 100 रुपए के अंदर ही बिजली बिल था, अप्रैल में 1500 से 2000 रुपए तक बिल उन्हें प्राप्त हुए। गौरतलब है कि बिजली कंपनी ने अधिक बिल आने पर बिजली इंजीनियर्स स्तर पर जांच का नियम बनाने की बात कही थी। अप्रैल में दोगुना से अधिक आए बिलों की जांच होगी या नहीं, इसे देखना होगा। सरकार की राहत योजना की राशि समायोजित करने व नए टैरिफ का मीटर रीडिंग बिलिंग सिस्टम से जोड़नेके लिए अप्रैल में रीडिंग दस दिन तक लेट हुई थी।
असामान्य बिल ने बढ़ाई परेशानी
बिजली विभाग के दावों के विपरीत कई उपभोक्ताओं को बढ़ा हुआ बिल दिया गया है। बाग मुगालिया एक्सटेंशन निवासी ब्रजेश धाकड़ को मार्च 2022 में 87 यूनिट खपत पर 89 रुपए का बिल दिया गया था, अप्रेल 2022 में 229 यूनिट की खपत हुई। 1699 रुपए का बिल दिया गया। कटारा हिल्स निवासी चंद्रभान को मार्च 2022 में 86 यूनिट खपत पर 90 रुपए का बिजली बिल प्राप्त हुआ था, अप्रैल 2022 में उन्हें 321 यूनिट खपत का 2502 रुपए का बिजली बिल थमा दिया गया। नम्रता नगर निवासी एस रायकवार का मार्च में 97 रुपए बिजली बिल आया था, इस बार 226 यूनिट पर 1673 का बिल आ गया। वहीं उपभोक्ता क्रमांक एन 2265021622 पर अप्रैल में ऑनलाइन तरीके से दो अलग-अलग बिल दिए गए। उपभोक्ता के मोबाइल नंबर पर दो अलग-अलग मैसेज आए। एक में 5128 रुपए तो दूसरे मैसेज में 5150 रुपए जमा करने का कहा गया। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आईटी महाप्रबंधक अभिषेक मार्तड का कहना है कि हमने मीटर रीडर्स से कहा था कि कोई बहुत ही असामान्य बिल सामने आए तो उसे रोके, लेकिन वे भ्रम बढ़ा रहे हैं। सबको बिल देने और बहुत जरूरी नहीं हो तो ही बिल रोकने का कहा है। जो गड़बड़ कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई करने के लिए संबंधितों को कहा गया है।