भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के किसानों को अब शिव सरकार ने एक साथ 40 क्विंटल चना उपार्जन केंद्र पर बेचने की सुविधा प्रदान कर दी है। इसकी वजह से किसानों को तिहरा लाभ मिलेगा। दरअसल पहले एक किसान से चना खरीदी की सीमा 25 क्विंटल तय की हुई थी। सरकार ने चना उत्पादक किसानों को बड़ी राहत देते हुए खरीदी की सीमा जो 25 क्विंटल थी उसमें 15 क्विंटल की और वृद्धि कर इसे 40 क्विंटल कर दी है। शिवराज सरकार द्वारा खरीदी सीमा में की गई इस वृद्धि के बाद चना उत्पादकों को अब चने से भरी ट्राली उपार्जन केंद्र से वापस नहीं ले जाना पड़ेगा। इसकी वजह है एक ट्राली में करीब 40 क्विंटल चना आता है। किसान ट्राली भरकर ही उपार्जन केंद्र पहुंचता है,लेकिन 25 क्विंटल की सीमा होने के कारण बाकी उपज उसे वापस घर ले जाने को मजबूर होना पड़ता था। इसके बाद उसे बचे हुए चने को बेंचने के लिए दोबारा खरीदी केंद्र पर आना पड़ता है। जिससे आने-जाने और मजदूरी का खर्च बढ़ जाता है और अतिरिक्त समय भी लगता था।
चने का मूल्य मंडी में पांच सौ रुपए कम: कृषि उपज मंडियों में चना समर्थन मूल्य से 500 रुपए नीचे यानि 4600-4700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। जबकि सरकारी खरीदी केंद्रों में चने का उपार्जन 5230 रुपए प्रति क्विंटल के भाव हो रहा है। कृषि उपज मंडियों की अपेक्षा उपार्जन केंद्रों में 500 रुपए प्रति क्विंटल भाव अधिक मिलने मंडियों से किसान नदारद हैं और उपार्जन केंद्रों में उनकी भीड़ बढ़ रही है। इसकी वजह से अब उपार्जन केन्द्रों पर लगातार आवक बढ़ने लगी है।
सरकार ने दालों को स्टॉक लिमिट में जकड़ा
मप्र में समर्थन मूल्य पर चना,सरसों और मसूर की खरीदी प्रारंभ हो रही है। औसत अच्छी गुणवत्ता किस्म के चना का समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर का राशि 5500 रुपए प्रति क्विंटल एवं राई सरसों का 5050 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। चने के प्रमुख उत्पादक राज्यों मप्र, राजस्थान समेत देशभर की मंडियों में इस समय भी चना न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है। दरअसल बीते साल दीपावली से पहले ही सरकार ने दालों की तेजी को रोकने के लिए चने पर तमाम प्रतिबंध लगा दिए थे।
18/04/2022
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