- कॉलेजों की तरह अब 11वीं कक्षा में भी विद्यार्थी एक विषय लेकर अन्य विषय की पढ़ाई कर सकेंगे
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों का एक बड़ी सौगात दी गई है। इसके तहत विद्यार्थी कालेजों की तरह अब 11वीं कक्षा में एक विषय लेकर अन्य विषय की पढ़ाई कर सकेंगे। यानी गणित के साथ इतिहास, अर्थशास्त्र या संगीत तो विज्ञान के साथ कला संकाय की पढ़ाई कर सकते हैं। इसके तहत स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए गए हैं।
सत्र 2022-23 से हायर सेकंडरी कक्षाओं में बहु संकाय प्रक्रिया लागू की जाएगी। इस ग्यारहवीं कक्षा में इस सत्र से लागू किया जाएगा। बारहवीं में अगले सत्र से लागू होगा। जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दसवीं से बारहवीं कक्षा तक की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। शासन से अनुमति के लिए भेजा गया है। शासन से अनुमोदन होते ही इस सत्र से बहु संकाय आधार पर ग्यारहवीं कक्षा में विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाएंगे। इसमें कौशल विकास पर आधारित मुख्य पाठ्यक्रम में शामिल होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन कौशल से जोड़ऩा है। माशिमं के सचिव श्रीकांत बनोठ का कहना है कि अब 11वीं से संकाय का बंधन समाप्त होगा। अब विज्ञान या अर्थशास्त्र संकाय का विद्यार्थी कला या संगीत का विषय भी ले सकता है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
11वीं से ही विद्यार्थी कर सकते हैं बहुसंकाय विषय का चयन
गौरतलब है कि अभी तक कला, संगीत, क्राफ्ट, खेल, योग आदि को सहायक पाठ्यक्रम या अतिरिक्त पाठ्यक्रम एक्टिवटी के तौर पर पढ़ते आए हैं। लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत माशिमं ने जो रूपरेखा तैयार की है उसके तहत अब ये मुख्य पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे। बता दें कि पहले कक्षा एक से दसवीं तक सामान्य पढ़ाई होती थी। ग्यारहवीं कक्षा में विषय चयन करने की आजादी होती थी, लेकिन अब ग्यारहवीं से ही विद्यार्थी बहु संकाय के विषय का चयन कर सकते हैं।
नए व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू होंगे
जानकारी के अनुसार 10वीं में 19 और 12वीं में 390 राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के तहत पुराने पाठ्यक्रमों को समाप्त कर नए व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू होंगे। इसमें दोनों कक्षाओं में अधिक विषय शामिल होंगे। अभी तक 10वीं में छह पाठ्यक्रम चल रहे थे, जो अब 19 होंगे। इसी तरह 12वीं में पांच के बदले 39 कोर्स लागू होंगे। इसमें बैंकिंग एंड अकाउंटिंग, आटोमोटिव सर्विसेस, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल डिजाइन टेक्नोलाजी, फैशन डिजाइनिंग एंड टेक्नोलॉजी, रिटेल सेल्स एसोसिएट्स, ज्वेलरी डिजाइनिंग, वेब डिजाइनिंग, एग्रीकल्चर, ट्रैवल एंड टूरिज्म, हेल्थ केयर सहित अन्य कोर्स शामिल होंगे।
तीसरे विषय में क्षेत्रीय और विदेशी भाषा भी शामिल
अभी तक हिंदी, अंग्रेजी के साथ तीसरे विषय के रूप में संस्कृत चुनने का विकल्प था। नई शिक्षा नीति में अब तीसरे विषय के रूप में क्षेत्रीय भाषा कन्नड़, तमिल, मलयालम या विदेशी भाषा जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश चुनने का विकल्प रहेगा। ग्यारहवीं कक्षा में पांच विषय लेना होते हैं, लेकिन अब इसके अब ग्रुप बनाए गए हैं। इसमें तीन मुख्य विषय होंगे और भाषा के पेपर के साथ एक ऐच्छिक विषय लेना होगा । राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दसवीं के विद्यार्थियों का संपूर्ण आत्म मूल्यांकन होगा। जिसके आधार पर उनके रिपोर्ट कार्ड में बदलाव होगा। इसके तहत उनका तीन स्तर पर आकलन किया जाएगा। एक स्वयं विद्यार्थी करेगा, दूसरा उसका दोस्त करेगा और तीसरा उसके शिक्षक करेंगे। इसमें विद्यार्थी खुद को 25 फीसद अंक देंगे या दोस्त या शिक्षक से मिलेंगे।