बिहाइंड द कर्टन/अगले माह त्यागी व श्रीवास्तव बन जाएंगे पीसीसीएफ

प्रणव बजाज

पीसीसीएफ


अगले माह त्यागी व श्रीवास्तव बन जाएंगे पीसीसीएफ
दो दिन बाद पीसीसीएफ राजेश कुमार तथा धर्मेन्द्र वर्मा सहित दो एपीसीसीएफ और एक सीसीएफ 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनके सेवानिवृत्त होने से विकास शाखा में पदस्थ एपीसीसीएफ चितरंजन त्यागी और मप्र राज्य लघु वनोपज संघ में पदस्थ डॉ. अतुल श्रीवास्तव पदोन्नत होकर पीसीसीएफ बनाए जाएंगे। वन विभाग ने वर्ष 2023 में सेवानिवृत्त होने वाले अफसरों के नाम भी जारी कर दिए हैं। इसमें वन बल प्रमुख आरके गुप्ता, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जसवीर सिंह चौहान प्रमुख हैं। राजेश कुमार तथा धर्मेन्द्र वर्मा के साथ ही वन्यप्राणी मुख्यालय में पदस्थ एपीसीसीएफ एचएस नेगी, जबलपुर में पदस्थ रामदास महला सहित एक सीसीएफ भी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके अलावा अगले साल सेवानिवृत्त होने वाले वन अफसरों में वन बल प्रमुख आरके गुप्ता, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जसवीर सिंह चौहान, मप्र राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह, कैंपा के सुनील अग्रवाल, संरक्षण शाखा के चंद्रकांत पाटिल, केंद्रीय सिल्क बोर्ड के सदस्य सचिव आरआर ओखंडियार, अनुसंधान विकास के अतुल कुमार जैन प्रमुख रुप से शामिल हैं।

कांग्रेसी नेता के आॅडियो सेखुली कलह
नर्मदापुरम के कांग्रेस जिला अध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार का एक कथित आॅडियो इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है। इससे कांग्रेस में बवाल मच गया है। इसके वायरल होने के बाद से कांग्रेस में जारी कलह की भी पोल खुल गई है। दरअसल यह आडियो कांग्रेस जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह फौजदार और आईटी सेल के नगर अध्यक्ष लवलेश जैन के बीच बातचीत का बताया जा रहा है। इसमें फौजदार वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को आपत्तिजनक शब्द कह रहे हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री कुलस्ते ने इस आॅडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है और दावा किया है कि यह दो कांग्रेस नेताओं के बीच हुई बातचीत का ही आडियो है। कुलस्ते ने जहां इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के संस्कारों पर सवाल उठाए हैं। वहीं फौजदार ने इसे अपने खिलाफ षड्यंत्र बताया है। कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की जिला कमेटी के भंग होने और नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद से जिले में राजनीति गरमाई हुई है। आईटी सेल के पूर्व जिला अध्यक्ष अक्षय दीक्षित भी जिला अध्यक्ष फौजदार के खिलाफ खुलकर सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं।

हफ्तेभर में वन अफसरों को शाह ने दूसरी बार फटकारा
वन मंत्री विजय शाह इन दिनों अपने महकमे के अफसरों से खफा चल रहे हैं, जिसकी वजह से एक हफ्ते में ही वे दो बार वन अफसरों को फटकार लगा चुके हैं। दरअसल इसकी वजह है नियंत्रक- महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में उठाई गई आपत्तियां। शाह ने इस मामले में बीते दिन वन अधिकारियों की बैठक में फटकार लगाते हुए कहा कि रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता और आर्थिक नुकसान के जो मामले बताए गए हैं, उनके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें और सरकार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनसे वसूली भी करें। कैग और कोष एवं लेखा की रिपोर्ट में वन विभाग में कई अनियमितताओं का खुलासा किया है। तीन दिन पहले भी बैठक में मंत्री ने इस पर आला अधिकारियों से जवाब मांगा, तो अफसरों ने तर्क दिया था कि मैदानी अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। इस जवाब से मंत्री बिफर गए। उन्होंने कहा कि गंभीर मामलों में भी जांच के बाद कार्रवाई तो होती ही नहीं है। अब इस तरह के मामलों में जिम्मेदारी तय करें और मामला लोकायुक्त को दें। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे, तो मैं करूंगा।

और पीसी ने करा दिया फिर मिर्ची बाबा व गोविंद सिंह को एक
स्वामी वैराज्ञानंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा इन दिनों सुर्खियों में बने हुए थे, लेकिन अब उनका पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के साथ चल रहे विवाद का पटाक्षेप हो गया है। इस विवाद को समाप्त कराने में पूरी भूमिका रही पूर्व मंत्री पीसी शर्मा की। दरअसल भिंड में कांग्रेस की जनाक्रोश रैली व सभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ मंच पर बैठने को लेकर हुए स्वामी वैराज्ञानंद गिरि मिर्ची बाबा का पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के साथ विवाद हो गया था। इसके बाद मिर्ची बाबा ने भोपाल आकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही वे चर्चा में बने हुए थे। इसे उनकी कांग्रेस से नाराजगी से जोड़कर देखा गया, तो पार्टी नेता सक्रिय हो गए। पीसी शर्मा ने मध्यस्थता की और पहले मिर्ची बाबा और फिर डॉ. गोविंद सिंह को घर पर बुलाया। तीनों के बीच बंद कमरे में कुछ देर बात हुई और उसके बाद उनकी नाराजगी दूर हो गई। शर्मा ने बताया कि विवाद जैसी कोई बात नहीं थी। कुछ व्यक्तियों ने गलतफहमी पैदा कर दी थी, जिसे दोनों ने बात करके दूर कर लिया।

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