छुट्टी पर होने के बावजूद पा रहे पूरा वेतन

वेतन

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। देश के एकमात्र हिंदी विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की ऐसी मटरगश्ती का मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। दरअसल, विश्वविद्यालय में छुट्टी पर चल रहे कर्मचारियों को भी पूरा वेतन दिया जा रहा है। इसका खुलासा नवंबर माह के हाजिरी रजिस्टर से हुआ है।
जानकारी के अनुसार कुछ कर्मचारी छुट्टी पर चल रहे हैं,  लेकिन सैलरी के लिए रजिस्टर में साइन सभी के नियमित हो रहे हैं। विवि के एक कर्मचारी ने बताया कि हिंदी विवि में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो आ ही नहीं रहे हैं।  नवंबर माह के रजिस्टर की जो कॉपी सामने आई है उनसे कई कुछ कर्मचारियों की सैलरी बनाने के लिए रजिस्टर में पहले लाल पेन से अनुपस्थित  बताकर क्रॉस किया गया है, फिर उन्हीं कॉलमों पर साइन कराकर कर्मचारियों की सैलरी बनाई गई है। हिंदी विवि के रजिस्ट्रार यशवंत पटेल कहते हैं कि यह बात तीन दिन पहले मेरे सामने आई थी। हमने कुछ कर्मचारियों की आॅफिशियल ड्यूटी भी लगाई है, लेकिन रजिस्टर में लाल निशान क्यों और कब लगाए गए हैं। इसकी जांच मैं करूंगा।
वहीं शिक्षाविद देवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि कोई भी ओडी पर लंबे समय तक रह सकता है। अगर कोई विवि का कर्मचारी या प्रोफेसर ऑफिशियल ड्यूटी पर लंबे समय तक रहता है तो अगर कहीं उसकी सेवाएं चल रही है, उसका पत्र विवि द्वारा सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
इनकी छुट्टी और हाजिरी पर सवाल
जानकारी के अनुसार नवंबर माह की नियमित वेतनमान पर कार्यरत कर्मचारियों की जो सैलरी बनी है ,उसमें केयरटेकर और पुस्तकालय का दायित्व संभालने वाले सुधीर गुप्ता ने 11 और 12 नवंबर को ऑफिशियल ड्यूटी (ओडी) लिखकर साइन किए हैं, जबकि दोनों कॉलम में लाल पेन से क्रॉस का निशान भी लगाया गया है। भरत बाथम के कॉलम में लाल पेन से बिंदु का निशान लगाया गया है और हस्ताक्षर भी किए गए हैं। वहीं प्रियेश उपाध्याय 9 से 24 नवंबर तक ओडी लिखा गया है। जबकि लाल निशान से सभी कॉलम में पहले ही क्रॉस लगाया गया है। क्रॉस के बीच कॉलम के निचले भाग में ओडी लिखने से बिना उपस्थिति के रजिस्टर में उपस्थिति बताकर सैलरी बनाए जाने की चर्चा कर्मचारियों के बीच हो रही है। इसके अलावा भूपेंद्र वैद्य ने भी 10 नवंबर को लाल क्रॉस का निशान होने के बावजूद हस्ताक्षर किए हैं।

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