भोपाल (बिच्छू रोज़ाना)। कांग्रेस और भाजपा दोनों का लक्ष्य लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का है। इसके लिए जिताऊ उम्मीदवार खोजने का दौर जारी है। मगर इस बीच कांग्रेस ने नया फार्मूला निकाला है। कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा है कि टिकट के दावेदार नेता स्थानीय कार्यकर्ताओं का सहमति पत्र लेकर आएं। उन्होंने लोकसभा प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि अपने प्रभार वाले क्षेत्र के दावेदारों को ये स्पष्ट कर दिया जाए कि उनकी दावेदारी, तभी मानी जाएगी जब वे सहमति पत्र लाएंगे। दावेदारों के दावे को सर्वे की कसौटी पर भी कसा जाएगा। पार्टी को लगता है कि इससे जनता के बीच काम कर रहे नए और युवा उम्मीदवार भी सामने आएंगे। राहुल की मंशा है कि टिकट निर्धारण में कार्यकर्ताओं की सहभागिता हो। कार्यकर्ताओं को ये महसूस होना चाहिए कि उनसे पूछकर ही उनके क्षेत्र का उम्मीदवार तय किया गया है। इससे चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं के असहयोग की शिकायतें नहीं आएंगी।
भाजपा में भी दिल्ली से होगा फैसला
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश नेतृत्व को साफ कह दिया है कि लोकसभा चुनाव उम्मीदवार का चयन उनके कार्यालय से ही होगा। शाह की टीम सभी लोकसभा क्षेत्रों में सर्वे कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि 12 से ज्यादा मौजूदा सांसदों का टिकट काटा जा सकता है। भाजपा के अंदरूनी आकलन में सामने आया है कि वो 20 सीटों पर चुनाव जीत सकती है। स्वतंत्रदेव सिंह और सतीश उपाध्यक्ष प्रदेश में डेरा जमाए हुए हैं और शाह कार्यालय को अपडेट दे कर रहे हैं। स्वतंत्र दौरा कर राजनीतिक नब्ज टटोल रहे हैं साथ ही फीडबैक ले रहे हैं। संघ की रिपोर्ट में अधिकांश मौजूदा सांसदों की परफारमेंस ठीक नहीं आई है। संघ प्रमुख मोहन भागवत 18 से 21 फरवरी तक इंदौर में बैठक करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इसमें चुनाव को लेकर रणनीति तैयार हो सकती है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि लोग कांगे्रस से नाराज हैं इसलिए पार्टी लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल करेगी।