भोपाल (बिच्छू रोज़ाना)। कर्नाटक और गुजरात में जिस रणनीति पर चलकर कांग्रेस ने सत्ता तक या उसके पास तक पहुंचने में सफलता पाई थी, अब मध्यप्रदेश में भी उसी रणनीति को अपनाने का फैसला किया है। एक समय जिस हिंदुत्व का विरोध कर कांग्रेस सत्ता गंवा चुकी थी, अब उसे वापस पाने उसी रास्ते पर चलकर वह कितना हासिल कर पाएगी, यह समय बताएगा। लेकिन अभी तो कांग्रेस का हिंदुत्व नामक रथ तैयार हो चुका है और मंदिर-मंदिर जाने का प्लान भी तैयार है।
पिछले डेढ़ दशक से मध्य प्रदेश में सत्ता से बाहर कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। 2003 में हिंदुत्व का विरोध करने वाली कांग्रेस अब 2018 में हिंदुत्व के रथ पर सवार होकर सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाई हुई है। 15 साल पहले दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने हिंदुत्व का विरोध किया था। पर अब माजरा बदल चुका है। पार्टी अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘शिवभक्त’, ‘राम भक्त’ और ‘नर्मदा भक्त’ के रूप में पेश कर रही है। बता दें कि 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का ‘पोंगा पंडित’ टूर भाजपा के धार्मिक प्रयासों को कुंद करने के लिए था। भाजपा ने विदिशा में गो हत्या का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। भाजपा ने इसके अलावा धार में एक मस्जिद को पुराना हिंदू ढांचा बताकर उस पर दावा कर रही थी।
उमा को आगे कर हिंदुत्व को दी धार
2003 में भाजपा ने हिंदुत्व को अजेंडा बनाया और उमा भारती को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया। तब भी कांग्रेस अपने को धर्मनिरपेक्ष बताने में मशगूल थी। दिग्विजय सिंह ने उस समय पार्टी यूनिट में किसी प्रकार के भगवाकरण का विरोध किया था। इसी बीच वीएचपी ने नरेंद्र मोदी और प्रवीण तोगडिय़ा को जनसभा को संबोधित करने के लिए बुलावा भेजा था।
इस बार कांग्रेस के हावभाव में बदलाव
लगातार तीन चुनावों में मध्य प्रदेश में हार के बाद इस बार कांग्रेस के हावभाव में बदलाव देखने को मिल रहा है। राहुल गांधी के कैलास मानसरोवर यात्रा के बाद उन्हें शिवभक्त को तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा है। इसके अलावा चित्रकूट यात्रा के बाद राहुल को ‘राम भक्त’ के रूप में दर्शाया जा रहा है। जबलपुर में राहुल को मां नर्मदा के भक्त के रूप में दिखाया गया। गुजरात, उत्तरप्रदेश और कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी के टेंपल रन की काफी चर्चा हुई थी। पार्टी को इससे लाभ भी हुआ था।
कांग्रेस की लड़ाई काफी जोरदार है
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की लड़ाई काफी जोरदार है और पार्टी ने भगवा रास्ता अपना लिया है। पार्टी गाय के संरक्षण की बात कर रही है। इसके अलावा पार्टी हर पंचायत में एक गौशाला बनाने की बात कह रही है। कांग्रेस के पोस्टरों में राहुल को अपने परनाना जवाहर लाला नेहरू की तरह ‘पंडित’ बताया जा रहा है। चित्रकूट में राहुल गांधी की यात्रा कामतानाथ मंदिर में पूजा के बाद शुरू हुई थी। कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने 14 साल की वनवास की अवधि के 11 साल यहीं गुजारे थे।
कांग्रेस कर रही बड़े-बड़े वादे
कांग्रेस सत्ता में आने पर एमपी को एक धार्मिक हब के रूप में विकसित करने का दावा कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा, ‘भाजपा ने केवल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का फायदा उठाया। कांग्रेस वास्तव में राज्य का विकास धार्मिक टूरिजम के रूप में करेगी।’ एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले पांच सालों में राहुल गांधी भाजपा को उसी की भाषा में जवाब देना जान गए हैं। राहुल लगातार भाजपा के हिंदुत्व एजेंडा ज्यादा मजबूत हिंदुत्व के साथ काउंटर कर रहे हैं। वह भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और हिंदुत्व पर रणनीति के तहत पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रहे हैं।