कैडर रिव्यू में देरी पड़ रही है रापुसे के अफसरों को भारी

  • इस साल महज चार अफसरों को ही मिल सकेगा आईपीएस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है, जहां पर आईएएस ओर आईपीएस अफसरों को तय समय से पहले ही न केवल पदोन्नति मिल जाती है बल्कि, जब उनकी बारी आती है तो फिर फाइलों को पर लग जाते हैं, लेकिन अगर मामला अन्य अफसरों व कर्मचारियों को हो तो फिर फाइलों को ब्रेक लग जाते हैं।
ऐसा ही मामला है राज्य पुलिस सेवा का। हालत यह है कि इस सेवा के चार अफसरों को ही इस साल आईपीएस के लिए पदोन्नति मिल सकेगी। इसकी वजह है कैडर रिव्यू में होने वाली देरी। नियमानुसार यह रिव्यू हर पांच साल में होता है, लेकिन 2020 का रिव्यू अब भी पेंडिंग चल रहा है। इसकी वजह से रापुसे के अफसरों की पदोन्नति के लिए पद ही नहीं बढ़ पा रहे हैं। दरअसल, प्रदेश में आईपीएस के कुल पद 319 पद हैं। एक बार काडर रिव्यू होने पर पांच से 10 प्रतिशत यानी 15 से 32 तक पदों में वृद्धि हो जाती है। 2005 में काडर रिव्यू होने के बाद नियमानुसार पांच साल बाद 2010 में रिव्यू होना था, लेकिन इसे तीन साल की देरी से 2013 में किया गया। इसके बाद 2018 में कैडर रिव्यू होना था, लेकिन एक बार इसमें देरी करते हुए उसे 2023 में किया गया। इसके बाद से 2020 का रिव्यू अभी भी नहीं किया गया है। इस मामले में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का कहना है कि इसे 2024 में किया जाए तो आईपीएस के 20 से लेकमर 30 के बीच पदों में वृद्धि हो जाएगी। इससे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को सात से लेकर दस पद तक मिल सकते हैं। अगर पांच वर्ष के नियम से रिव्यू हुआ तो 2022 के बाद अब 2027 में ही होगा। ऐसे में रापुसे के कई अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद से ही सेवानिवृत हो जाएंगे।
मार्च में डीपीसी की तैयारी
राज्य पुलिस सेवा से  आईपीएस संवर्ग में पदोन्नति के लिए डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशनल कमेटी) की बैठक एक माह बाद मार्च में करने की तैयारी की जा रही है। इसमें वर्ष 2024 में रिक्त पदों के विरुद्ध वर्ष 1995 और 1997 बैच के चार अधिकारियों को पदोन्नति दी जाएगी। डीपीसी के लिए एक दर्जन अधिकारियों के नाम की सूची पुलिस मुख्यालय द्वारा तैयार की गई है। इस सूची को अब शासन को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि अभी प्रदेश में रापुसे के अधिकारियों को  आईपीएस अवार्ड होने में 25 से 27 वर्ष तक का समय लग रहा है। इसके उलट राज्य प्रशासनिक सेवा (राप्रसे) के अधिकारी लगभग 15-16 वर्ष में पदोन्नत होकर आईएएस बन रहे हैं। प्रदेश में राप्रसे का 2006 बैच पदोन्नत हो चुका है। इस हिसाब से देखा जाए तो राज्य पुलिस सेवा के अफसर करीब 11 साल पीछे चल रहे हैं। इस मामले में राज्य पुलिस सेवा के अफसरों का कहना है कि नियमित रूप से काडर रिव्यू नहीं होने की वजह से पदों में वृद्धि नहीं हो सकी है। इसकी वजह से समय पर पदोन्नति नहीं हो पा रही है। उल्लेखनीय है कि अगले वर्ष यानी 2025 में छह अधिकारी सेवानिवृत होंगे। प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के कुल 1269 पद हैं।

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