असंतुष्टों को मनाने चलेगा…विशेष संपर्क अभियान

भाजपा

अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी बेला में भाजपा में लंबे समय से उपेक्षित और असंतुष्ठ चल रहे नेताओं की पूछपरख बढऩे वाली है। दरअसल पार्टी केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के 9 साल पूरा होने पर 30 मई से 30 जून तक विशेष संपर्क अभियान शुरू करने जा रही है। अभियान के तहत सिर्फ केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाएं और उपलब्धियों का प्रचार ही मात्र नहीं होगा, बल्कि पार्टी हांसिए पर जा चुके नेताओं के घर जाकर संपर्क साधेगी। खासकर ऐसे नेता जो खुद को उपेक्षित मान रहे हैं। अभियान के दौरान पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी से लेकर मंत्री, विधायक और मुख्यमंत्री तक इन नेताओं के घर पहुंचेंगे। इसको लेकर पार्टी की पूरी रणनीति तैयार हो चुकी है।
भाजपा की रणनीति के अनुसार प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर अपने रूठे नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए घर-घर पहुंचने की योजना बना रही है। मान-मनौव्वल उन नेताओं का होगा, जिनकी वजह से पार्टी को नुकसान होने का अंदेशा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले ऐसे नेताओं के घर जाकर मिल चुके है, लेकिन सकारात्मक रुझान नहीं मिलने के कारण यह कवायद फिर से की जा रही है। यह सब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर किया जा रहा है। दरअसल, दिल्ली में प्रदेश संगठन ने 30 मई से शुरु होने वाले एक माह के विशेष अभियान के बारे में भी शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया है। बताया गया है कि अभियान के दौरान आम जनता से जनहितैषी योजनाओं के बारे में फीडबैक भी लिया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से जो पात्र हितग्राही छूटे हैं, उन्हें सरकार की योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा।
 ऐसा रहेगा एक महीने का कार्यक्रम
मप्र भाजपा में पिछले कुछ दिनों से पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता एवं पदाधिकारियों ने अलग-अलग वजह से नाराजगी जाहिर की है। ऐसे नेताओं से पार्टी ने संपर्क भी साधा है। बावजूद इसके सोशल मीडिया के जरिए पार्टी नेता बयान दे रहे हैं। अब मप्र भाजपा ने तय किया है कि विशेष जनसंर्पक अभियान में इन नेताओं को अग्रणी भूमिका में रखा जाएगा। अभियान को लेकर उनसे मार्गदर्शन भी लिया जाएगा। 30 मई से शुरू होने जा रहे अभियान में उन्हें शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं बुजुर्ग नेताओं के घर पार्टी के नेता भी पहुंचेंगे और उनसे अभियान में सक्रियता से भागीदारी करने का आग्रह भी किया जाएगा। पार्टी नेताओं का मानना है कि इससे वरिष्ठ नेताओं से संपर्क भी होगा और उनका मान-सम्मान भी बढ़ेगा।पार्टी ने विशेष संपर्क अभियान के लिए जिम्मेदारी तय कर दी है। हर मोर्चा, प्रकोष्ठ को दायित्व सौंप दिए गए हैं। अभियान के तहत हर वर्ग को जोड़ा जाएगा और उनके बीच पहुंचा जाएगा। अभियान के दौरान हर संसदीय क्षेत्र में बड़े-बड़े आयोजन भी होंगे।
जिलाध्यक्षों से मांगी नाराज नेताओं की सूची
प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों से नाराज नेताओं की दो दिन में सूची मांगी है। इस मुद्दे पर पूरी कवायद गत दिनों दिल्ली में की गई है। प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेता दिल्ली में थे और वे नए संसद भवन के उद्घाटन का हिस्से बने थे। आयोजन के बाद पार्टी नेताओं की मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है। चर्चा का मुद्दा पिछले कुछ समय से घट रहे घटनाक्रम थे। सूत्रों की माने तो शीर्ष नेतृत्व ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे बयान या गतिविधियों से बचने के लिए कदम उठाया जाना जरूरी है। नेताओं के बयान और असंतोष से चुनाव में पार्टी को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए। खासकर सार्वजनिक तौर पर हो रही बयानबाजी को लेकर ऐतराज जताया गया है। नेतृत्व से कहा गया कि एक बार फिर नाराज नेताओं से चर्चा की जाए। इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी जाए, जिससे वे अपने संबंधों के मुताबिक नाराज नेताओं को मना सकें। बताया गया है कि चर्चा के दौरान यह भी तय किया गया कि यदि इस बार नाराज नेता नहीं मानते हैं, तो फिर उन्हें भविष्य में महत्व देने की जरुरत नहीं है। हां, इस पर जरूर फोकस करें कि उनकी वजह से नुकसान नहीं हो जाए।
सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल में नाराजगी
नाराज नेताओं में सबसे ज्यादा संख्या ग्वालियर-चंबल और महाकौशल में है। फरमान को पूरा करने के लिए प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने अपने सभी जिलाध्यक्षों से गोपनीय तौर पर ऐसे नेताओं की सूची दो दिन के अंदर देने को कहा है, जो किसी वजह से नाराज है अथवा अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। सूची मिलने के बाद प्रदेश के वरिष्ठ नेता उसका विश्लेषण करेंगे। यह देखा जाएगा कि चुनावी दृष्टि से कौन से नेता पार्टी के लिए फायदेमंद है। उसके बाद वरिष्ठ नेताओं के दौरे तय किए जाएंगे। बड़े नेता नाराज नेताओं के घरों में जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर आयोजित विशेष अभियान के दौरान भी ऐसे नेताओं से संपर्क किया जाएगा
एक महीने क्षेत्र से बाहर नहीं निकलेंगे सांसद
प्रदेश में भाजपा के 29 में से 28 सांसद हैं। ये सभी सांसद पूरे संपर्क अभियान के दौरान अपने क्षेत्र में ही रहेंगे। रात्रि विश्राम से लेकर संगठन के कार्यक्रम क्षेत्र में ही करेंगे। विशेष कारण से ही संगठन को अग्रणी सूचना देकर क्षेत्र से बाहर जा पाएंगे। इसके लिए केंद्रीय कार्यालय से सभी संासदों को पूर्व में अवगत करा दिया गया है। पहले संपर्क अभियान 15 मई से 15 जून तक चलने वाला था। भाजपा का फोकस नव मतदाताओं पर है। चुनाव आयोग के अनुसार 30 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं। अभियान के दौरान मोर्चा इन तक पहुंचेगा और केंद्र एवं राज्य सरकारों की योजनाओं से अवगत कराएगा। इसके लिए 7 से 10 जून तक नव मतदाता समारोह आयोजित किया जाएगा। साथ ही 10 से 20 जून तक बाइक यात्रा निकाली जाएगी।
पटैरिया की होगी वापसी
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा चुनावी समीकरणों को साधने में जुट गई है। पूर्व मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया के बाद भाजयुमो के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया की पार्टी में वापसी होगी। पटेरिया जबलपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव की तैयारी कर रहे थे, पर पार्टी ने शरद जैन पर भरोसा जताते हुए उन्हें प्रत्याशी बनाया था। इसके विरोध में वे निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उन्हें 29 हजार 479 वोट मिले और कांग्रेस के विनय सक्सेना 578 मतों से चुनाव जीत गए। दरअसल, पार्टी का वोट बंट गया था। इस बार ऐसी कोई स्थिति न बने, इसलिए भाजपा स्थानीय समीकरणों को साधने में जुटी है। इसके पहले दमोह की सियासत में प्रभाव रखने वाले पूर्व मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया की वापसी हो चुकी है।

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