चुनावी वर्ष में सरकार का विकास पर फोकस…

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। यह साल चुनाव का है। इस चुनावी साल में सरकार का सबसे अधिक फोकस विकास कार्यों पर है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में जितनी भी योजनाएं-परियोजनाएं चल रही हैं, उन्हें जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाया जाए। सरकार की मंशानुसार योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विभागों ने बजट में पिछली बार की अपेक्षा इस बार अधिक बजट की मांग की है। गौरतलब है की इस साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। इसलिए मप्र सरकार के दिशा-निर्देश पर वित्त विभाग के अधिकारी अभी से बजट की तैयारी में जुट गए हैं। इस बार का बजट चुनावी रंग में रंगा रहेगा। मुख्य बजट में सरकार का कर्मचारियों के बकाया डीए सहित अधोसंरचना विकास पर फोकस रहेगा। चुनावी वर्ष में विकास कार्यों और योजनाओं पर फोकस रहेगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य का बजट 2.79 लाख करोड़ रुपए का है। बजट का आकार 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होने की संभावना है। बजट बढ़ने का प्रमुख कारण राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों पर फोकस करना, योजनाएं शुरू करना है।
इस वर्ष विकास कार्यों की भरमार
सत्तारूढ़ पार्टी के साथ ही अन्य पार्टियां चुनावी मोड में आ गई हैं। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि विकास कार्यों के माध्यम से जनता को अपनी ओर आकृष्ट करें। इसके लिए इस वर्ष विकास कार्यों की भरमार रहेगी। विधायक, मंत्रियों की स्थानीय घोषणाएं, भूमिपूजन और क्षेत्र में विकास कार्यों पर अधिक व्यय होना है। मुख्यमंत्री ने भी विभाग प्रमुखों को स्पष्ट कहा है कि जनप्रतिनिधियों, विधायक, मंत्रियों द्वारा क्षेत्र में बताए गए विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिसके चलते विभागों ने अधिक बजट उपलब्ध कराने की मांग की है। चुनावी वर्ष को देखते हुए इस वर्ष राज्य सरकार तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक बजट का प्रावधान कर रही है। सरकार की चुनावी रणनीति को देखते हुए कृषि , सहकारिता, श्रम, स्वास्थ्य, ऊर्जा, वन, नगरीय विकास , स्कूल शिक्षा, लोक निर्माण, पंचायत, जनसंपर्क, जनजातीय कार्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति , संस्कृति, जल संसाधन, पीएचई, महिला एवं बाल विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, उद्यानिकी, आयुष विभाग ने इस वर्ष अधिक बजट मांगा है।
विभागों ने डेढ़ गुना अधिक बजट मांगा
पार्टी के विधायकों के क्षेत्र में विकास कार्य और घोषणाएं पूरी करने में पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक बजट व्यय होगा। ऐसे में विभागों ने डेढ़ गुना अधिक बजट मांगा है। इसके अलावा केंद्रीय योजनाओं में भी केंद्र सरकार से बजट उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखे गए हैं। इनमें आयुष्मान भारत योजना, किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण, पेंशन, जल जीवन मिशन और खाद वितरण जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं में शीघ्र और पर्याप्त बजट उपलब्ध कराने की मांग की गई है। राज्य सरकार का वर्ष 2022-23 का बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश पर आधारित था। वर्ष 2022-23 में दो लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपये के बजट का  प्रावधान किया गया था। इसे जनता का बजट नाम भी दिया गया था। बजट तैयार करने से पहले जनता के सुझाव लिए गए थे, जिसे बजट में शामिल किया गया था। हालांकि बाद में दो अनुपूरक बजट भी लाए गए थे।

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