हॉकी विश्वकप 13 से…………. 1975 से भारत कर रहा है इंतजार………. ध्यानचंद ने दिया विश्व विजेता बनने का मंत्र……

नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। भारत ने हॉकी में अपना आखिरी विश्वकप खिताब 1975 में जीता था यानी पूरे 47 साल हो गए हैं… लेकिन भारत को अब एक बार फिर विश्व विजेता बनने का अवसर मिला है क्योंकि इस बार विश्वकप हॉकी में टीम इंडिया को अपने घर में ही खेलना है…….हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के पुत्र और अपने जमाने के मशहूर हॉकी प्लेयर अशोक ध्यानचंद ने टीम को विजयी बनने का मंत्र दिया है…. आईए जानते हैं क्या कहना है ध्यानचंद का इस बारे में….अशोक ध्यानचंद का मानना है कि कोई भी टीम जब मैदान पर उतरती है तो वह विजेता बनना चाहती है। पिछले कुछ वर्षों में भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और वो सराहनीय है। टीम के खिलाड़ियों में एक-दूसरे को सपोर्ट करने की भावना साफ तौर पर नजर आती है जो टीम को ऊंचाई तक ले जाने में सहायक सिद्ध होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे खिलाड़ियों में गजब की मारक क्षमता आई है। अब वो गेंद को छोड़ते नहीं और अगर गेंद छूट जाती है तो वो वापस जाते हैं कि गेंद को अपने कब्जे में लें और यह काफी अच्छी आदत मैं टीम के अंदर देख रहा हूं और इसका परिणाम ओडिशा में साफ तौर पर देखने को मिलेगा।सवाल – भारत को इस बार टफ ग्रुप में रखा गया है जहां उसे इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स जैसी टीमों के साथ खेलना है। क्या यह टीमें भारत को नुकसान पहुंचा सकती हैं?इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स जैसी टीमों के साथ वाले ट फ ग्रुप के सवाल पर अशोक ध्यानचंद ने कहा कि इन टीमों से भारत को कोई नुकसान नहीं होगा। यहां पर भारत को शुरू से ही मैच जीतना होगा और अगर शुरुआत अच्छी रही तो भारत ग्रुप में बेहतर स्थिति में होगा। यह जरूर है कि मैच कठिन होंगे क्योंकि आज खेल नया है, तकनीक नई है, ग्राउंड नए हैं, लेकिन भारत के खिलाड़ियों को बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है और उनको काफी अच्छा एक्सपोजर मिला हुआ है। टीम में स्कोरर हैं, डिफेंस हमारा बहुत अच्छा है। हरसिमरनजीत पेनल्टी स्ट्रोक को बेहतरीन तरीके से हैंडल करते हैं और हमारे फारवर्ड के खिलाड़ी भी गोल करने में सक्षम हैं। यह सारी चीजें भारतीय टीम को मजबूत बनाती है और मुझे उम्मीद है कि टीम बेहतर करेगी।अशोक ध्यानचंद ने कहा कि इस बार फाइनल में भारत, आस्ट्रेलिया, हालैंड और जर्मनी के पहुंचने की संभावना है। हालांकि मैं इंग्लैंड को भी इसका दावेदार मानता हूं। हाकी की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि आप किसी टीम के खिलाड़ी को बेस्ट नहीं कह सकते। कोई भी टीम यहां बेस्ट बन सकती है। भारत को मैं जीत का दावेदार मानता हूं, लेकिन इस टीम को हर एक मैच में अपनी मारक क्षमता दिखाते हुए बेस्ट प्रदर्शन करना होगा।

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