कांग्रेस-भाजपा के बागियों को प्रश्रय देगा आप

कांग्रेस-भाजपा
  • टिकट से वंचित रहने वाले नेताओं के सामने भी रहेगा विकल्प  …

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। एमसीडी के साथ ही गुजरात व हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सभी प्रमुख राजनैतिक दलों की नजर अब मप्र पर लगा गई है। इसकी वजह है प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव। प्रदेश में अब तक कांग्रेस व भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला होता आया है, लेकिन जिस तरह का प्रदर्शन आम आदमी पार्टी ने गुजरात में किया है उससे उत्साहित होकर वह अब मप्र विधानसभा चुनाव में भी पूरा जोर लगाने की तैयारी कर रही है। इस मामले में आप कांग्रेस व भाजपा के बागियों को भी प्राश्रय देने में पीछे नहीं रहने वाली है। इसकी वजह से अभी से कांग्रेस में चिंता दिखना शुरू हो गई है। दरअसल प्रदेश में कुछ माह पहले हुए निकाय चुनावों में भी आम आदमी पार्टी जोरदार आमद दर्ज करा चुकी है। यही वजह है कि आप को प्रदेश में अच्छी संभावनाएं नजर आ रही हैं। गुजरात में भले ही दावों के अनुरुप आप प्रदर्शन नहीं कर सकी है, लेकिन उसने जिस तरह से करीब 13 फीसदी मत हासिल कर पांच सीटों पर जीत दर्ज की है और कई सीटों पर दूसरा स्थान पाया है उससे आप मप्र को लेकर भी उत्साहित है। गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार अपनी किस्मत आजमाई है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को 1.32 फीसदी और बसपा को 0.51 फीसदी वोट मिले। भाजपा-कांग्रेस के बाद आप वहां पर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। मध्यप्रदेश में आप के बाद बड़े और जीतने वाले चेहरे भले ही नही हैं , लेकिन आप की नजर प्रदेश में कांगे्रेस व भाजपा के बागियों पर भी लगी हुई है। प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा व कांग्रेस में अभी से टिकट के दावेदारों की भीड़ नजर आनी शुरू हो गई है। ऐसे में यह तो तय है कि इन दोनों ही दलों के कई बड़े दावेदारों को टिकट से वंचित रहना पड़ेगा। टिकट न मिलने से नाराज इन नेताओं को आप पार्टी में शामिल कर अपना प्रत्याशी बनाएगी। आप के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह का कहना है कि आम आदमी पार्टी पूरे मध्यप्रदेश में मजबूत विकल्प के रूप में उभरेगी हम इस जीत की ऊर्जा के साथ विधानसभा चुनाव में उतरेंगे और पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हमारा अगला लक्ष्य विधानसभा चुनाव है। हम सकारत्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे ओर जनता के हितों के लिए इस संघर्ष को जारी रखेंगे। आप के प्रदेश मीडिया प्रभारी मिन्हाज आलम कहते हैं कि हमने विधानसभा चुनाव की तैयारी प्रारंभ कर दी है और अभी से प्रत्याशियों की तलाश की जाने लगी है।
प्रदेश में आप का प्रदर्शन
जून-जुलाई में प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भी आम आदमी पार्टी पूरे उत्साह के साथ अपने प्रत्याशी उतारकर दम दिखा चुकी है। निकाय चुनाव में  जहां आप सिंगरौली में महापौर पद पर जीत हासिल कर चुकी है तो वहीं , उसके करीब 40 पार्षद भी चुने जा चुके हैं। यही नहीं पार्षद चुनाव में उसके करीब  86 से ज्यादा प्रत्याशियों ने दूसरा स्थान भी पाया है। नगर निगमों में आप को करीब 7 फीसदी मत मिले हैं। खास बात यह है कि ग्वालियर नगर निगम प्रत्याशी ने लगभग 46,000 वोट प्राप्त कर सभी को चौका दिया था। यही नहीं पंचायत चुनाव में भी आप का प्रदर्शन ठीक रहा। आप का दावा है कि उसके करीब दस  समर्थित जिला पंचायत सदस्य, 20 से अधिक जनपद सदस्य, 100 से अधिक सरपंच तथा 200 से अधिक  पंच निर्वाचित हुए हैं।
बीते चुनाव में यह रहा था प्रर्दशन
आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मप्र में 206 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी खड़े किए थे। पार्टी ने सिंगरौली में अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि तब आप को नोटा से भी कम मत मिले थे। इसके बाद से ही आप संगठन को मजबूत करने में लगी रही , जिसका फायदा उसे निकाय चुनाव में मिला। प्रदेश में आप की एंट्री से सबसे ज्यादा खतरा कांग्रेस को इसलिए है कि बसपा और सपा लगभग अपना जनाधार खो चुकी हैं। ग्वालियर-चंबल और विंध्य क्षेत्र में ही बसपा वोट कटवा बनी हुई है। इसलिए अब आप की उम्मीदें ज्यादा बढ़ गई हैं।

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