द. अफ्रीकी चीते भी कूनो को गुलजार करने को तैयार

द. अफ्रीकी चीते
  • इसी माह लाए जा  सकते हैं, तैयारियां हुईं पूरी …

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। करीब ढाई माह पहले नामीबिया से 8 चीतों को लाकर बसाए जाने के बाद अब कूनो में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इन्हें मिलाकर श्योपुर के कूनो में कुल बीस चीतों का कुनबा हो जाएगा। माना जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीकी चीते अगले एक माह के अंदर आ जाएंगे। दक्षिण अफ्रीका से भारत लाए जाने वाले इन एक दर्जन चीतों को बीते साढ़े तीन माह से वहां पर क्वारैंटाइन किया हुआ है।
इन दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए कूनो में 8 नए बाड़े बनाकर तैयार किए जा चुके हैं। कूनो में चीतों के 6 बाड़े पहले से ही मौजूद हैं, जिन्हें मिलकार अब वहां पर कुल 14 बाड़े मौजूद हैं। इनमें 14 चीतों को रखा जा सकता है, जब भी दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाया जाएगा, कूनो उनके स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। उधर, दक्षिण अफ्रीका की पर्यावरण, वानिकी और मत्स्य पालन मंत्री बारबारा क्रीसी द्वारा प्रोजेक्ट चीता के लिए एमओयू को मंजूरी दी जा चुकी है। अब वहां के फाइल राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की इस पर मुहर लगना बाकी है। माना जा रहा है कि उनकी भी इसी सप्ताह में मंजूरी मिल जाएगी। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल ने पाया कि रणथंभौर में काफी संख्या में बाघ रह रहे हैं। इनका भारत में बेहतर देखभाल हो रहा है। इस स्थिति में प्रतिनिधिमंडल यह निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारत में चीतों के लिए  कर चुका है।
दो जीते पाए गए अनफिट
भारत भेजने के लिए जिन एक दर्जन चीतों को दक्षिण अफ्रीका में बीते ढाई माह से क्वारैंटाइन किया गया था, उनमें से दो चीतों को भारत लाने के लिए अनफिट पाया गया है , जिसकें बाद उनकी जगह दो नए चीतों का चयन किया गया है। दरअसल यह दोनों चातों की उम्र भी ज्यादा थी और यह ठीक से शिकार कर पाने में भी अक्षम पाए गए हैं। उनकी जगह चिन्हित किए गए दोनों नए चीतों को अब क्वारैंटाइन भी कर दिया गया है। दरअसल, भारत की सरजमीं पर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से एक साथ चीता लाकर बसाए जाने थे। चीतों के चयन से लेकर इनको क्वारंटीन करने तक की तैयारी नामीबिया के साथ ही दक्षिण अफ्रीका में भी उसी समय ही पूरी कर ली गई थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका से चीता लाने का एमओयू साइन नहीं हो पाने की वजह से उनको लाने में समय लग रहा है। इसकी वजह से दक्षिण अफ्रीका में चिन्हित किए गए चीते क्वारंटीन बाड़ों में ही बंद बने हुए हैं।
चीतों को रास आ रहा कूनो
राष्ट्रीय कूनो अभयारण्य के अधिकारियों का कहना है कि अभयारण्य में रह रहे नामीबिया से लाए 8 चीतों को कूनो खूब रास आ रहा है। वह यहां के माहौल में घुल मिल गए हैं, स्ट्रेस फ्री होकर वन्य जीवों का शिकार करके अपना भोजन भी खुद कर रहे हैं।

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