प्रदेश में आरक्षण के नियमों की उड़ाई जा रही… धज्जियां

– उच्च पदों पर आरक्षित वर्ग का 85 प्रतिशत कब्जा

  • विनोद उपाध्याय
आरक्षण

प्रदेश में आरक्षण के नियमों को दरकिनार कर आरक्षित वर्ग के लोगों को उच्च पदों पर इस कदर पदस्थ किया गया है कि करीब 85 फीसदी पदों पर इस वर्ग का कब्जा हो चुका  है। यह स्थिति तब है, जब प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण पर रोक है। आरक्षण को लेकर प्रदेश के कर्मचारी दो धड़ों में बंटे हुए है। ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या है की पदोन्नति में आरक्षण के मामले का निपटारा कैसे किया जाए, जिससे विवाद की स्थिति न बने। उधर, प्रदेश में पदोन्नति नियमों का ड्राफ्ट सामने आने के बाद प्रमोशन का मुद्दा गरमाया हुआ है। प्रमोशन में आरक्षित वर्ग को 36 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना है। इस बीच सरकार की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि मंत्रालय समेत लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल संसाधन और ग्रामीण यांत्रिकी जैसे विभागों में उच्च पदों पर 85 प्रतिशत तक आरक्षित वर्ग के हैं। अन्य विभागों में 42 प्रतिशत पद आरक्षित वर्ग से भरे हैं। इस स्थिति में आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन देना मुश्किल हो गया है। लोक सेवा पदोन्नति नियम-2022 के अनुसार पदोन्नतियां तय की जाना हैं, जिनके अनुसार पहले विभागों में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व यानी 36 प्रतिशत पद भरे जाएंगे, उसके बाद अनारक्षित वर्ग से जो पद भरे जाएंगे, उनमें भी आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को मौका मिलेगा। इसके लिए विभागों में संवर्गवार पदों की स्थिति देखी जा रही है, जिससे खाली पदों को भरा जा सके।
छह साल से पदोन्नति नहीं
प्रदेश में पिछले 6 साल से पदोन्नतियां नहीं हुई है, जिससे 70 हजार कर्मचारी बिना प्रमोशन रिटायर हो गए, जबकि 3.25 लाख पदोन्नति के इंतजार में है। पदोन्नति न होने से प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है, उच्च पद खाली पड़े हुए हैं। राज्य सरकार द्वारा संवर्ग बार अनारक्षित और आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों की गणना सरकार  के द्वारा गठित एक समिति के द्वारा किया जाना है। फिलहाल आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों की संवर्ग बार स्थिति देखी जा रही है। लोक निर्माण विभाग में ईएनसी के छह पद हैं, जिन पर आरक्षित वर्ग के इंजीनियर प्रमुख अभियंता के पद पर पदस्थ हैं। यानी 100 फीसदी पद आरक्षित वर्ग से भरे हुए हैं। यही स्थिति मंत्रालय में हैं जहां उच्च संवर्ग के 66 पदों पर आरक्षित वर्ग के अफसर पदस्थ हैं।
नए नियम …
लोक सेवा पदोन्नति नियम-2022 में किए गए प्रावधानों के अनुसार हर साल संवर्गवार पदोन्नति करने के लिए आरक्षण की स्थिति देखी जाएगी, जिसमें 20 प्रतिशत पद एसटी और 16 प्रतिशत एससी से भरे होना चाहिए। इसके बाद अनारक्षित वर्ग की पदोन्नति मेरिट कम सीनॉयरिटी के अनुसार होगी, इसमें भी आरक्षित वर्ग को वरीयता दी जाएगी। इन नियमों के बाद विभागवार आरक्षण की स्थिति देखी जा रही है।

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