कैसे सुदृढ़ होगी मप्र की शिक्षा व्यवस्था…?

शिक्षा व्यवस्था
  • शिक्षा विभाग में अपर संचालकों की भरमार…एईओ की भर्ती के लिए अफसर नहीं तैयार

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की स्कूली शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। लेकिन अफसरों की भर्राशाही और लापरवाही सरकार की कोशिशों पर भारी पड़ रही है। स्कूलों शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने एरिया एजुकेशन आफिसर(एईओ) का पद निर्मित किया था। लेकिन आज स्थिति यह है की एईओ की भर्ती तो नहीं हो पाई है, जबकि राज्य शिक्षा सेवा के तहत अधिकारियों ने अपर संचालक के तय पदों से ज्यादा पर भर्ती कर ली। इससे विभाग की कार्यप्रणाली गड़बड़ा गई है।
दरअसल,  स्कूल शिक्षा के अफसरों की निष्क्रियता के चलते नौ साल बाद भी एरिया एजुकेशन आफिसर की भर्ती नहीं हो सकी है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा नियम विरुद्ध निकाली गई बीआरसीसी के पदों की भर्ती पर कर्मचारियों का हाईकोर्ट का स्टे मिलने लगा है। दरअसल नौ साल पहले शिक्षा के स्तर में सुधार और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए वर्ष 2013 में राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया गया था। राज्य शिक्षा सेवा के तहत अधिकारियों ने अपर संचालक के तय पदों से ज्यादा पर भर्ती कर ली। इसमें सबसे नीचे का पद एरिया एजुकेशन ऑफिसर का था। एईओ की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक, शिक्षक और अध्यापकों ने भाग लिया था। इसके बाद कुछ विसंगतियों की लेकर कुछ आवेदक हाई कोर्ट की शरण मे चले गए थे।
एईओ की भर्ती नहीं होने पर उठने लगे सवाल
हाई कोर्ट ने ऐसी लगभग 200 याचिकाओं का निराकरण करते हुए भर्ती का रास्ता साफ कर दिया। जनवरी 2015 में पुन: भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई। लगभग 19860 हजार परीक्षार्थियों का सत्यापन कराया गया। इसके पश्चात प्रधान पाठक संघ सुप्रीम कोर्ट चला गया और सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय देते हुए गेंद सरकार के पाले में डाल कर उत्तीर्ण उम्मीदवारों के हितों का संरक्षण करने की बात कही है। राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित राजपत्र में एईओ के लिए सिर्फ प्रधान पाठक शिक्षक और अध्यापक को ही भर्ती हेतु पात्र माना गया। तभी से सभी वेरिफायड एईओ की 2013 में जारी परीक्षा परिणाम की मेरिट के आधार पर नियुक्ति करने की मांग की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने डीपीसी कार्यालय को समाप्त न करते हुए एपीसी, बीआरसीसी समेत अन्य पदों के लिए परीक्षा आयोजित करना शुरू कर दी। इसके विरोध में कुछ बीआरसीसी हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने भोपाल के एक बीआरसीसी को परीक्षा के विरुद्ध स्टे भी दिया है। जिससे एक बार फिर राज्य शिक्षा सेवा के तहत एईओ की भर्ती नहीं होने पर सवाल उठने लगे है।
डीपीसी कार्यालय का डीईओ में होगा संविलियन
राज्य शिक्षा सेवा के गठन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय (डीपीसी) को समाप्त कर उसे जिला शिक्षा कार्यालय (डीईओ) में सम्मलित किया जाना है। इससे पहली से बारहवीं तक की पूरी व्यवस्था जिला शिक्षा अधिकारी को संभालना है। नई व्यवस्था में डीईओ का सहायक संचालकों, ब्लॉक स्तर के एरिया एजूकेशन आफीसर सहित सभी पर नियंत्रण हो जाएगा और सारी शिक्षा व्यवस्था के लिए एक अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी। लेकिन विभाग के अफसरों की निष्क्रियता के चलते नीचे के सबसे सशक्त पर भर्ती नहीं हो रही है, जबकि अधिकारियों ने अपने हित के सभी ऊपरी पदों को भर लिया है।

Related Articles