वनमंत्री के मकड़ाई स्टेट के जंगलों में हो रहा अवैध कटाई और अतिक्रमण

विजय शाह
  •  30 से 40 सदस्यीय गैंग सक्रिय, डीएफओ निष्क्रिय और रेंजर पर लग रहे हैं संलिप्तता के आरोप

भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। वन मंत्री विजय शाह के मकड़ाई स्टेट के जंगलों में अतिक्रमण माफिया सक्रिय है। मकड़ाई से लेकर चारुवा के जंगलों में साबुन और अन्य वृक्षों की अवैध कटाई कर अतिक्रमण किए जा रहे हैं। वन मंत्री विजय शाह ने इस कटाई को गंभीरता से लिया है। जबकि हरदा डीएफओ अंकित पांडेय जंगलों में हो रही अवैध कटाई और अतिक्रमण से बेखबर है।
हरदा जिले के जंगल चारूवा से मकड़ाई तक की करीब 40 किलोमीटर की जंगल में खंडवा से आए 30-40 सदस्यीय संगठित गिरोह जंगलों में अवैध कटाई कर अतिक्रमण करने में लगा है। इसकी जानकारी ग्रामीणों ने रेंजर से लेकर डीएफओ तक को दी है, किंतु वे किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में है। यानि वन क्षेत्र विदिशा जिले की लटेरी में हुई घटना के बाद वन विभाग के मैदानी अमले का मनोबल टूटने का असर हरदा में दिखाई देने लगा है। डीएफओ जंगलों में  सघन गश्ती करने के बजाए कार्यालय में बैठकर फाइलों के निष्पादन में सक्रिय हैं और मैदानी अमला रात में गश्ती करने से बच रहा है। उनमें इस बात का भी भय है कहीं लटेरी की घटना की पुनरावृत्ति ना हो जाए।
वन मंत्री ने पीसीसीएफ को दिए जांच के निर्देश:  चारूवा से लेकर मकड़ाई तक के जंगलों में हो रही अवैध कटाई की खबर लगते ही वन मंत्री विजय शाह ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को तत्काल जांच कराने के निर्देश दिए है। जानकारी के अनुसार पीसीसीएफ ने होशंगाबाद सर्किल के प्रभारी सीसीएफ एल कृष्णमूर्ति से जांच रिपोर्ट तलब की है। दिलचस्प पहलू यह है कि हरदा डीएफओ अंकित पांडेय को जब कटाई के संदर्भ में जानकारी दी गई और उन्हें यह बताया गया कि ग्रामीणों ने रेंजर पर अवैध कटाई के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाया है। तब उन्होंने कहा कि इस कटाई में ग्रामीण ही शामिल है। रेंजर का बचाव करते हुए उन्होंने सवाल उछाला कि क्या प्रमाण है?
मिलीभगत का लगाया आरोप
ग्रामीणों द्वारा वन विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप भी लगाया है। ग्रामीणों ने बताया कि विभाग के संज्ञान में होने के बावजूद सागौन की कटाई रोकी नहीं जा रही है जिसके चलते जंगल से सागौन की लकड़ियों को काट कर परिवहन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करती है जिससे वन माफियों के हौंसले बुलंद है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि यदि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सही जांच की जाए तो ग्राम नीमढाना और कुकढाल के जंगलों में वन माफिया द्वारा पेड़ काटते भी मिल जाएंगे।
 कटाई के मामले में डीएफओ हो चुके हैं निलंबित
 वन विभाग में हरदा में अवैध कटाई अतिक्रमण और अन्य गड़बड़ियों के चलते डीएफओ नरेश दोहरे को निलंबित किया गया है। उनके निलंबन के बाद  2016 बैच के आईएफएस अधिकारी अंकित पांडेय को हरदा जैसे अति संवेदन बन मंडल की जिम्मेदारी सौंपी गई। वर्तमान डीएफओ वन मंत्री विजय शाह की अपेक्षाओं पर खरे उतरते नजर नहीं आ रहे हैं। ऑफिस में सक्रियता और मैदानी इलाकों में निष्क्रियता के चलते  अतिक्रमण माफिया और टिंबर माफिया अपने मंसूबों का बेखौफ अंजाम दे रहा है।

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