क्या महानआर्यमन की राजनैतिक ताजपोशी की तैयारी है

महानआर्यमन
  • जीडीसीए के बनाए जा रहे हैं उपाध्यक्ष, घोषणा होना शेष

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे में इन दिनों श्रीमंत के पुत्र महाआर्यमन के नाम की चर्चा खूब हो रही है। इसकी वजह है अचानक से बीते छह माह से उनकी बढ़ती सक्रियता। अब तक सार्वजनिक रूप से दूरी बनाए रखने वाले महाआर्यमन जिस तरह से अब ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (जीडीसीए) की नवीन कार्यकारिणी में बतौर उपाध्यक्ष बनकर सक्रिय होने जा रहे हैं ,उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अब उनकी राजनैतिक ताजपोशी की तैयारी की जा रही है। यह बात अलग है कि अभी जीडीसीए की नवीन कार्यकारिणी घोषित नहीं हुई है , लेकिन यह तय माना जा रहा है कि उन्हें उपाध्यक्ष बनाया जा रहा है। वे फिलहाल अब तक एसोसिएशन के सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि प्रशांत मेहता को नया कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा रहा है। इसी तरह से उपाध्यक्ष संजय आहूजा को सचिव पद की जिम्मेदारी भी मिलना तय  है। मेहता को श्रीमंत का बेहद करीबी पूर्व अफसर माना जाता है। गौरतलब है कि बीते हफ्ते हुई वार्षिक आम सभा बैठक में केंद्रीय मंत्री और जीडीसीए अध्यक्ष श्रीमंत और वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच नई कार्यकारिणी को लेकर चर्चा होने के बाद उसमें शामिल किए गए नामों को दिल्ली से हरी झंडी मिल गई है। अब सिर्फ घोषणा होना बाकी है। हालांकि पदाधिकारियों को उनकी नई जिम्मेदारी के संबंध में संकेत दे दिए गए हैं। नई कार्यकारिणी में जीवाजी यूनिवर्सिटी में शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक रहे डॉ. राजेंद्र सिंह गुर्जर को भी उपाध्यक्ष पद दिया गया है। जबकि कोषाध्यक्ष पद पर वीरेंद्र बापना को यथावत रखा जाना तय है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में श्रीमंत अपने परिवार के साथ महाआर्यमन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी दिल्ली में मुलाकात करवा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि महा आर्यन बीते साल से  अपने पिता के साथ कई कार्यक्रमों में मंच भी साझा करने लगे हैं, हालांकि उन्हें राजनीति का ककहरा विरासत में मिला है। यही नहीं वे पहली बार बीते साल नवंबर में अपने पिता के किसी  समर्थक के यहां भी अकेले शादी में शामिल होने भिंड गए थे।  
लोकसभा चुनाव की चर्चा
श्रीमंत अभी राज्यसभा के सदस्य होने के साथ ही केन्द्र में मंत्री हैं । माना जा रहा है कि दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में श्रीमंत की जगह महाआर्यमन को उनकी परंपरागत सीट गुना से उतारे जाने की तैयारी की जा रही है। श्रीमंत का कार्यकाल पांच साल का होने की वजह से वे लोकसभा चुनाव के बाद भी राज्यसभा के सदस्य बने रहेगें। श्रीमंत के भाजपा में आने के बाद से जिस तरह से महाआर्यमन यकायक पहले जन्मदिन के बहाने और उसके बाद कई अन्य वजहों से ग्वालियर में सक्रिय नजर आए उससे तो उनके राजनैतिक प्रवेश के पहले से ही मायने निकाले जा थे , लेकिन जिस तरह से हाल ही में उनका मोदी के साथ फोटो आया है उसके बाद से इन कयासों को और अधिक बल मिला है।  

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